जम्मू: केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में कार्यरत लाखों सरकारी और केंद्रीय सरकार के कर्मचारियों को बड़ी राहत देते हुए मोदी सरकार ने इन कर्मचारियों के सर्विस मैटर्स की सुनवाई के लिए जम्मू में सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल यानी कैट की बेंच स्थापित करने की घोषणा की है. यह कैट का 18वां बेंच होगा, जो दोनों प्रदेशों के सरकारी अधिकारियों और यहां काम कर रहे केंद्रीय कर्मचारियों के मामलों पर सुनवाई करेगा.


पहले मामले जम्मू-कश्मीर के हाईकोर्ट में सुने जाते थे


गुरुवार को केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर और लद्दाख में सर्विस मैटर की सुनवाई के लिए जम्मू में कैट के बेंच की स्थापना करने की घोषणा की. जम्मू-कश्मीर के 2 केंद्र शासित प्रदेश बनने से पहले यह मामले जम्मू-कश्मीर के हाईकोर्ट में सुने जाते थे, लेकिन बीते साल अगस्त को केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद ऐसे मामलों की सुनवाई कैट के चंडीगढ़ बेंच के पास चली गई थी.



29 अप्रैल 2020 को जारी किया गया था नोटिफिकेशन


दरअसल, केंद्र सरकार ने 29 अप्रैल 2020 को एक नोटिफिकेशन जारी किया गया था जिसमें केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के सभी सर्विस मैटर्स चंडीगढ़ कैट बेंच के अधीन लाए गए थे, इसे लेकर राजनीति भी गरमा गई थी और चंद दिनों में ही केंद्र सरकार को यह स्पष्ट करना पड़ा कि जम्मू-कश्मीर व लद्दाख के लिए अलग बेंच स्थापित होगा. इसके साथ ही केंद्र सरकार ने कैट के इलाहाबाद बेंच के न्यायिक सदस्य राकेश सागर जैन को केंद्र शासित प्रदेश का पहला न्यायिक सदस्य नियुक्त किया है.


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