Cauvery Water Row: कावेरी जल विवाद को लेकर कर्नाटक के कई हिस्सों शनिवार (23 सिंतबर) को भी विरोध प्रदर्शन जारी है. वहीं अब कर्नाटक के कई संगठनों ने मांड्या बंद का आह्वान किया है. इतना ही नहीं किसानों ने सड़क पर लेटकर प्रदर्शन किया और नारे लगाते हुए नजर आए, जिसके बाद पुलिस ने पूरे राज्य में सुरक्षा के कड़े इंतजाम कर दिए हैं. सुप्रीम कोर्ट के मामले में हस्तक्षेप न करने के बाद ही विरोध प्रदर्शन देखने को मिले. 


दरअसल, कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण ने 12 सितंबर को एक आदेश जारी किया था, जिसमें कहा गया कि कर्नाटक को अगले 15 दिन तक तमिलनाडु को हर दिन 5,000 क्यूसेक पानी देना होगा. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इन आदेशों में हस्तक्षेप से इनकार कर दिया था. इसके बाद से ही कर्नाटक के अलग-अलग हिस्सों में विरोध प्रदर्शन देखने को मिले. किसान अपनी फसलें हाथ में लेकर धरने पर बैठ गए. 


हड़ताल के कारण नहीं चलेंगी बसें


कर्नाटक के कई संगठनों ने मांड्या में बंद का आह्वान किया है, जिसके कारण मद्दूर और तालुक केंद्र बंद रहेंगे और हड़ताल के कारण बसें भी नहीं चलेंगी. इतना ही नहीं दुकानें और व्यवसाय भी बंद करने के लिए कहा गया है. हालांकि दूध, दवा और अस्पताल सहित इमरजेंसी सेवाएं खुली रहेंगी. कर्नाटक ने साल 1974 में तमिलनाडु की सहमति के बिना पानी मोड़ना शुरू कर दिया, जिससे दोनों राज्यों में पानी को लेकर विवाद शुरू हो गया. इस मुद्दे को हल करने के लिए साल 1990 में कावेरी जल विवाद न्यायाधिकरण की स्थापना की गई.


सुप्रीम कोर्ट ने इन आदेशों में हस्तक्षेप न करते हुए सुनवाई के दौरान कहा कि हम कोई आदेश कैसे पारित कर सकते हैं. हमारे पास कोई विशेषज्ञता नहीं है. आप अधिकारियों से संपर्क करे. 


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