CB-CID made Chandrababu Naidu accused: आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की मुसीबत कम होती नहीं दिख रही है. सीबी-सीआईडी ने अमरावती में एसीबी अदालत के सामने एपी फाइबरनेट फेज-1 प्रोजेक्ट कथित घोटाला मामले में दायर आरोप पत्र में पूर्व सीएम चंद्रबाबू नायडू का नाम लिया है. सीबी-सीआईडी ने माना है कि इस गड़बड़ी में पूर्व सीएम चंद्रबाबू नायडू भी शामिल थे.


एपी क्राइम इन्वेस्टिगेशन डिपार्टमेंट (एपीसीआईडी) ने शुक्रवार (16 फरवरी) को विजयवाड़ा की एसीबी स्पेशल कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया. इस आरोप पत्र में कहा गया है कि पूर्व मुख्यमंत्री और तेलुगु देशम पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू ने टीडीपी शासन के दौरान 2015 में एपी फाइबरनेट परियोजना के पहले चरण के लिए 330 करोड़ रुपये के वर्क ऑर्डर को एक पसंदीदा कंपनी को आवंटित करने के लिए नियम तोड़ते हुए टेंडर प्रक्रिया में हेरफेर किया था.



'ब्लैकलिस्ट से हटाकर कंपनी को दिया टेंडर'


सीआईडी ने एसपीई और एसीबी मामलों की अदालत में आरोप लगाया कि मेसर्स टेरासॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड को उस समय ब्लैक लिस्ट से हटाने और फिर उसे टेंडर देने में तत्कालीन सीएम चंद्रबाबू नायडू ने अहम भूमिका निभाई थी. इसके लिए वही जिम्मेदार थे. चंद्रबाबू नायडू ने वेमुरी हरिकृष्ण प्रसाद (इस मामले में एक अन्य आरोपी) को विभिन्न टेंडर मूल्यांकन समितियों में शामिल करने के लिए सरकारी अधिकारियों को भी प्रभावित किया था.


जांच एजेंसी ने अदालत को बताया कि उस वक्त नेट इंडिया हैदराबाद के प्रबंध निदेशक हरि कृष्ण प्रसाद गवर्निंग काउंसिल, ई-गवर्नेंस अथॉरिटी, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड आईटी एजेंसी और इनोवेशन सोसायटी के तत्कालीन सदस्य और तकनीकी मूल्यांकन समिति के सदस्य थे.


घोटाले में इस अफसर की भूमिका भी अहम 


अन्य आरोपी कोगंती संबाशिव राव वर्तमान में साउथ सेंट्रल रेलवे सिकंदराबाद में चीफ कमर्शियल मैनेजर पैसेंजर मार्केटिंग के पद पर काम कर रहे हैं. कोगंती संबाशिव ने कथित तौर पर हरिकृष्ण प्रसाद को तकनीकी समिति और टेंडर मूल्यांकन समिति के सदस्य के रूप में नियुक्त करके टेंडर प्रक्रिया में हेरफेर की. सीबी-सीआईडी ने अपने आरोपों में बताया है कि इन दोनों ने कथित तौर पर बिना किसी बाजार सर्वे के मनमाने ढंग से  इस प्रोजेक्ट के लिए अनुमान तैयार करके बिड दाखिल करने की आखिरी तारीख को बढ़ाकर खेल किया ताकि मेसर्स टेरासॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड को लाभ मिल सके.


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