नई दिल्ली: मध्य रेलवे में काम का ठेका मिलने के बाद उसका आदेश पत्र जारी करने के बदले साढ़े चार लाख रुपये की रिश्वत मांगने के आरोप में सीबीआई ने मध्य रेलवे के डिविजनल इंजीनियर और एक क्लर्क को गिरफ्तार किया है. उनके यहां से मारे गए छापों के दौरान 15 लाखों रुपए की नकदी बरामद हुई है. छापों का दौर अभी भी जारी है.
सीबीआई प्रवक्ता आर सी जोशी के मुताबिक रिश्वतखोरी के आरोप में मध्य रेलवे के जिन दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है उनमें भुसावल डिवीजन के डिविजनल इंजीनियर एम एल गुप्ता और इसी डिवीजन का क्लर्क संजीव राडे शामिल है. सीबीआई की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा को शिकायतकर्ता ने अपने द्वारा दी गई शिकायत में कहा था कि उसकी फर्म को रेलवे के मध्य मंडल क्षेत्र के भुसावल में स्टाफ क्वार्टर्स एवं सर्विस बिल्डिंग के मरम्मत कार्य के लिए जुलाई 2021 में एल वन फर्म के तौर पर चुना गया था यानी उन्हें ठेका दिया जाना निश्चित किया गया था. साथ ही उनकी फर्म को भुसावल स्थित कोचिंग कॉम्प्लेक्स एलएचबी कोचों के एस एस वन के रखरखाव कार्य हेतु बनाए गए कोच केयर सेंटर को अपग्रेड करने का ठेका भी मिला था. बताया जाता है कि दोनों ठेके लगभग ढाई करोड़ रुपये के थे.
आरोप के मुताबिक शिकायतकर्ता ने जब अपने ठेकों के कार्य आदेश पत्र जारी कराने के लिए डिविजनल इंजीनियर कार्यालय में संपर्क किया तो वहां उनसे इन पत्रों को जारी करने के बदले लाखों रुपए की रिश्वत मांगी गई. साथ ही शिकायतकर्ता को यह धमकी भी दी गई कि यदि रिश्वत नहीं दी गई तो उन्हें मिले ठेके निरस्त भी कराए जा सकते हैं. सीबीआई ने शिकायत के आधार पर अपनी आरंभिक जांच शुरू की और इस जांच के दौरान पाया कि वास्तव में रिश्वत मांगी जा रही थी.
इस सूचना के आधार पर सीबीआई ने जाल बिछाया और दोनों आरोपियों को रिश्वत की पहली किस्त के तौर पर 2 लाख और 40 हजार रुपये लेते हुए गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तारी के फौरन बाद दोनों आरोपियों के ठिकानों पर सीबीआई ने छापेमारी की जहां से उन्हें 15 लाख रुपए की नकदी बरामद हुई है. सीबीआई गिरफ्तार दोनों अधिकारियों को सीबीआई की विशेष अदालत के सामने पेश करेगी फिलहाल छापों का दौर अभी भी जारी है.