Chanda Kochhar Arrested: सीबीआई ने ICICI की पूर्व सीईओ और एमडी चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को गिरफ्तार कर लिया है. उन्हें वीडियोकॉन ग्रुप के वेणुगोपल धूत के अलावा नूपावर रिन्यूएबल, सुप्रीम एनर्जी, वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड को आपराधिक साजिश से संबंधित IPC की धाराओं के अनुसार दर्ज प्रथामिकी में आरोपी बनाया गया था क्योंकि वीडियोकॉन को दिया गया कर्ज नॉन परफॉर्मिंग एसेट्स (NPA) में बदल गया, जिसके बाद इसे 'बैंक धोखाधड़ी' माना गया.


सितंबर 2020 में प्रवर्तन निदेशालय ने चंदा कोचर के पति दीपक कोचर को धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) की धाराओं के तहत गिरफ्तार किया था. उस दौरान 78 करोड़ की संपत्ति को भी कुर्क और जब्त किया गया था.


चंदा कोचर की 50 फीसदी की हिस्सेदारी


चंदा कोचर ने 2012 में आईसीआईसीआई बैंक का नेतृत्व किया और कथित तौर पर वीडियोकॉन समूह को 3,250 करोड़ रुपये का कर्ज दिया था और छह महीने बाद वेणुगोपाल धूत के स्वामित्व वाली सुप्रीम एनर्जी ने नूपावर रिन्यूएबल्स को 64 करोड़ रुपये का कर्ज दिया, जिसमें कोचर की 50 फीसदी की हिस्सेदारी है.


लोन के इरेगुलरिटी को लेकर जाताई चिंता 


2012 में वीडियोकॉन को दिए गए 3,250 करोड़ के मामले में ICICI और वीडियोकॉन के निवेशक अरविंद गुप्ता को इरेगुलरिटी दिखी, जिसके बाद उन्होंने इस मामले को लेकर 2016 में आरबीआई और पीएम को लेटर लिखा था लेकिन उनकी शिकायत को लेकर किसी पक्ष ने भी ध्यान देने की कोशिश नही की. फिर दो साल बाद 2018 में व्हिसल-ब्लोअर ने शिकायत की थी.


CEO का पद छोड़ने के बाद FIR दर्ज


गौरतलब है कि 2018 में 59 साल की चंदा कोचर ने ICICI बैंक के सीईओ और एमडी के पद से इस्तीफा दे दिया था. चंदा कोचर पर आरोप लगा था कि उन्होंने एक उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स और तेल गैस अन्वेषण कंपनी वीडियोकॉन ग्रुप को फेवर किया था. इस्तीफा देने के बाद 2019 में CBI  ने चंदा कोचर के खिलाफ FIR दर्ज की और यह आरोप लगा था कि ICICI बैंक को धोखा देने के लिए कुछ लोन निजी कंपनी को दिए गए थे.


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