प्रवर्तन निदेशालय में चल रही कथित शिकायतों को बंद करने के बदले 2 करोड़ रुपए की रिश्वत मांगने के आरोप में सीबीआई ने प्रवर्तन निदेशालय के एक कर्मचारी समेत 2 लोगों को गिरफ्तार किया है. ऐसा आरोप है कि प्रवर्तन निदेशालय के कर्मचारी ने शिकायतकर्ता के घर पर कथित तौर पर छापेमारी भी की थी. सीबीआई ने गिरफ्तार दोनों लोगों को सीबीआई की विशेष अदालत के सामने पेश किया, जहां से उन्हें 5 दिन की सीबीआई रिमांड पर भेज दिया गया है.


सीबीआई प्रवक्ता आर सी जोशी के मुताबिक जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है उनमें प्रवर्तन निदेशालय बेंगलुरु कार्यालय में काम करने वाला एमटीएस कर्मचारी डी चंकेशावलु और वीरेश कुमार नाम का प्राइवेट शख्स शामिल है. सीबीआई ने एक शिकायत के आधार पर दोनों लोगों के खिलाफ तथा एक अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था. शिकायतकर्ता ने सीबीआई को बताया कि प्रवर्तन निदेशालय में काम करने वाले एमटीएस कर्मचारी ने उससे बेंगलुरु के एक होटल में संपर्क स्थापित किया था.


इस दौरान उसने अपना परिचय प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी के रूप में देते हुए बताया कि शिकायतकर्ता के खिलाफ बहुत सारी शिकायतें हैं. आरोप है कि इन शिकायतों को बंद किए जाने के बदले उसने दो करोड़ रुपए की रिश्वत मांगी. यह भी आरोप है कि प्रवर्त्त्तन निदेशालय के आरोपी कर्मचारी ने शिकायतकर्ता की घर की भी तलाशी ली.


सीबीआई को मिली शिकायत के मुताबिक इसके बाद शिकायतकर्ता ने उक्त आरोपी कर्मचारी को 6 लाख रूपये दिए जाने की रजामंदी की, जिसे आरोपी कर्मचारी ने एक दूसरे जगह पर लेकर आने को कहा. जब शिकायतकर्ता वहां पहुंचा तो उसे वहां एक प्राइवेट आदमी मिला. इस पर शिकायतकर्ता ने प्राइवेट आदमी से कहा कि क्योंकि उसे पैसे देने हैं, लिहाजा आरोपी अधिकारी की भी उपस्थिति जरूरी है. इसके बाद सीबीआई ने जाल बिछाकर प्रवर्तन निदेशालय के आरोपी कर्मचारी समेत दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.


दोनों को सीबीआई की विशेष अदालत के सामने पेश किया गया जहां से उसे पूछताछ के लिए 5 दिन की सीबीआई रिमांड पर भेजा गया है. सीबीआई जानना चाहती है कि प्रवर्तन निदेशालय के उक्त कर्मचारी के पास उक्त व्यक्ति के खिलाफ संवेदनशील शिकायतें कहां से आई थी?  क्या उसके साथ कुछ और अधिकारियों कर्मचारियों की भी मिलीभगत है? इसके पहले भी क्या उसने कुछ और लोगों से इसी तरह से पैसे वसूले हैं? सीबीआई सूत्रों के मुताबिक इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय के दूसरे कर्मचारियों की मिलीभगत से इनकार नहीं किया जा सकता फिलहाल मामले की जांच जारी है.


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