नई दिल्ली: केंद्रीय जांच ब्यूरो ने दिल्ली नगर निगम के सहायक सफाई निरीक्षक और एक अस्थाई कर्मचारी को रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया है. साथ ही एक सफाई निरीक्षक का नाम भी FIR में शामिल किया गया है. आरोप है कि यह लोग निगम के अस्थाई कर्मचारियों के एटीएम कार्ड अपने कब्जे में ले लेते हैं और फिर उन्हें सैलरी के नाम पर थोड़ा बहुत पैसा दे देते हैं. 


इसके अलावा खाते में जो पैसे आते हैं, उसकी बाबत भी रिश्वत मांगते हैं. इनमें गिरफ्तार सहायक सेनेटरी इंस्पेक्टर ओमपाल को सीबीआई की विशेष अदालत ने पूछताछ के लिए 2 दिन की सीबीआई रिमांड पर भेज दिया है. सीबीआई को इन लोगों के यहां से छापेमारी के दौरान 38 लाख रुपये नकद और अन्य अहम दस्तावेज बरामद हुए


सीबीआई प्रवक्ता आरसी जोशी के मुताबिक दिल्ली नगर निगम के ओल्ड रोहतक रोड किशनगंज वार्ड 81 में तैनात एक अस्थाई कर्मचारी ने सीबीआई की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा को शिकायत दी थी. शिकायत में कहा गया था कि शिकायतकर्ता साल 1998 से एमसीडी सिटी एसपी जोन  के वार्ड नंबर 81 में अस्थाई कर्मचारी के तौर पर काम कर रहा है. आरोप है कि एमसीडी किशनगंज ओल्ड रोहतक रोड के अधिकारी उससे तनख्वाह के एवज में रिश्वत मांग रहे हैं. 


शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत में कहा कि उसका बैंक खाता आईडीबीआई बैंक कस्तूरबा गांधी मार्ग नई दिल्ली में एमसीडी किशनगंज कार्यालय के द्वारा सैलरी खाते के तौर पर खोला गया था. इसी खाते में उसकी तनख्वाह और अन्य भत्ते आते हैं. आरोप है कि पिछले 6 महीने से अधिकारी शिकायतकर्ता को काम पर भी नहीं रख रहे थे और कोई तनख्वाह भी नहीं दे रहे थे.


इसी दौरान शिकायतकर्ता के खाते में 8000 रुपये एरियर के तौर पर आए तो सहायक सफाई निरीक्षक ओमपाल ने उससे फोन करके 8000 रुपये के रिश्वत की मांग की. शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि एमसीडी के अधिकारी उसका एटीएम अपने पास रखते हैं और सैलरी आने पर खुद पैसा निकाल कर थोड़ा बहुत पैसा अस्थाई कर्मचारियों को देते हैं.


शिकायतकर्ता ने यह भी बताया कि उसका एटीएम कार्ड उसके पास है, लिहाजा अधिकारी काम पर नहीं ले रहे थे और उसका ऑफिस रिकॉर्ड भी खराब करने की धमकी दे रहे थे. शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत में एक सफाई इंस्पेक्टर एक सहायक सेनेटरी इंस्पेक्टर का नाम शामिल किया था.


सीबीआई प्रवक्ता आरसी जोशी के मुताबिक भ्रष्टाचार निरोधक शाखा के अधिकारियों ने शिकायतकर्ता की शिकायत को जब आरंभिक जांच पर लिया तो उस दौरान ओमपाल और शिकायतकर्ता के बीच फोन पर भी बात हुई. जिसमें शिकायतकर्ता ने 8000 रुपये की जगह 4000 रुपये लेने को कहा. दोनों के बीच 4000 पर सौदा तय हुआ. ओमपाल ने उसे पैसा लेकर अपने पास बुलाया.


शिकायत के आधार पर सीबीआई ने जाल बिछाकर सहायक सेनेटरी इंस्पेक्टर ओमपाल और दिल्ली नगर निगम के एक अस्थाई कर्मचारी जितेंद्र को रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया. इन दोनों को सीबीआई की विशेष अदालत के सामने पेश किया गया, जहां से कोर्ट ने ओमपाल को पूछताछ के लिए 2 दिन के लिए सीबीआई रिमांड पर भेज दिया, जबकि अस्थाई कर्मचारी जितेंद्र को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है. 


इस मामले में एक अन्य सेनेटरी इंस्पेक्टर के खिलाफ भी जांच की जा रही है. सीबीआई के मुताबिक इस मामले में जब आरोपियों के घरों पर छापेमारी हुई तो उनके कब्जे से लगभग 38 लाख रुपये नकद और अन्य अहम दस्तावेज बरामद हुए सीबीआई के मुताबिक जिस सेनेटरी इंस्पेक्टर का नाम सामने आया है, उसकी भूमिका की भी जांच की जा रही है.


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