नई दिल्ली: केंद्रीय जांच ब्यूरो में मुकदमा निपटवाने के नाम पर 50 लाख रुपये रिश्वत मांगने वाले सीबीआई के एक पूर्व एसपी एन एम पी सिन्हा को एक दलाल समेत खुद सीबीआई की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा ने गिरफ्तार किया है. इनके कब्जे से रिश्वत की पहली खेप जो 25 लाख रुपये बताई जा रही है, वह भी बरामद हुई है. इन दोनों को पूछताछ के लिए 9 अक्टूबर तक सीबीआई रिमांड पर लाया गया है, जिससे यह पता चल सके कि एसपी एनएमपी सिन्हा के तार सीबीआई में कहां तक फैले हुए हैं.
सीबीआई के एक आला अधिकारी ने बताया कि एक सूचना के आधार पर सीबीआई की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा ने जाल बिछाकर सीबीआई के पूर्व एसपी एन एम पी सिन्हा को उस समय रंगे हाथ दबोच लिया जब वह एक बड़ी कंपनी के एक दलाल से सीबीआई में चल रहा एक मुकदमा निपटाने के लिए घूस की रकम ले रहे थे. सीबीआई सूत्रों ने बताया कि एन एम पी सिन्हा सीबीआई से 1 महीना 5 दिन पहले ही रिटायर हुए थे और जिस मामले को निपटाने की वह घूस ले रहे थे, वह खुद उस मामले में एसपी भी रह चुके हैं.
सूत्रों के मुताबिक एसपी सिन्हा इसके पहले सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के ओएसडी के तौर पर भी काम कर चुके हैं और राकेश अस्थाना मामले में नाम सामने आने के बाद उनका स्थानांतरण दिल्ली से बाहर कर दिया गया था. सीबीआई के अधिकारी के मुताबिक इन दोनों से 25 लाख रुपये बरामद होने के बाद सीबीआई ने दिल्ली, नोएडा, रांची समेत कुल 8 जगहों पर छापेमारी की और इस दौरान सीबीआई ने अनेक अहम दस्तावेज मिलने का दावा किया है.
सीबीआई ने इन दोनों को कोर्ट में पेश किया, जहां से इन दोनों को पूछताछ के लिए 9 अक्टूबर तक सीबीआई रिमांड पर भेजा गया है. सीबीआई जानना चाहती है कि सिन्हा किस अधिकारी के जरिए कंपनी का केस निपटाना चाहते थे और सीबीआई में उनके तार कहां तक फैले हुए हैं. साथ ही उन्होंने अब तक ऐसी कितनी डीलों को अंजाम दिया है और क्या नौकरी के दौरान भी उन्होंने ऐसा कोई काम किया था या नहीं. सीबीआई सूत्रों के मुताबिक इस मामले में जांच के दौरान अनेक खुलासे होने की संभावना है और सीबीआई के कुछ दूसरे अधिकारी भी इस जांच की आंच में सकते हैं .जांच अभी जारी है.
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