नई दिल्ली: रिश्वत लेकर केस से जुड़ी जानकारियां आरोपियों तक पहुंचाने के मामले में सीबीआई ने अपने ही एक डीएसपी इंस्पेक्टर और वकील को गिरफ्तार किया है. तीनों को रिमांड पर लेकर सीबीआई इस मामले में शामिल सीबीआई में मौजूद दूसरी काली भेडों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है, सीबीआई ने इस मामले में बुधवार को भी सहारनपुर-रुड़की में छापेमारी की.


भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार सीबीआई के डीएसपी आरके ऋषि इंस्पेक्टर कपिल वधावन और वकील मनोहर मलिक को सीबीआई की विशेष अदालत ने बुधवार देर शाम पूछताछ के लिए 5 दिन की सीबीआई रिमांड पर भेज दिया. सीबीआई ने इस मामले में बुधवार को भी सहारनपुर और रुड़की में आरके ऋषि के ठिकानों पर छापेमारी की सीबीआई को सूचना मिली थी कि उसके ही कुछ अधिकारी कर्मचारी रिश्वत लेकर गोपनीय सूचनाएं आरोपियों तक पहुंचा रहे हैं.


इस सूचना के आधार पर सीबीआई ने मामला दर्ज कर पिछले सप्ताह दिल्ली गाजियाबाद समेत अनेक जगहों पर छापेमारी की थी. बाद में सीबीआई प्रशासन ने इस मामले में शामिल इंस्पेक्टर और सीबीआई के स्टेनोग्राफर को निलंबित कर दिया था, जबकि मामले में शामिल पाए गए दोनों डीएसपी के खिलाफ कार्मिक मंत्रालय को कार्रवाई करने के लिए पत्र भेज दिया गया था.


सीबीआई को अब तक की जांच के दौरान पता चला है कि भ्रष्टाचार के इस मामले में 55लाख रुपए की धनराशि बतौर रिश्वत आई थी और रिश्वत की धनराशि की बंदरबांट सीबीआई अधिकारियों के बीच हुई थी. अब सीबीआई गिरफ्तार डीएसपी आरके ऋषि और इंस्पेक्टर कपिल वधावन से जानना चाहती है कि भ्रष्टाचार की गंगोत्री में और कौन-कौन से सीबीआई अधिकारी शामिल हैं. सूत्रों का कहना है कि आने वाले दिनों में सीबीआई निजी व्यक्तियों के अलावा अपने विभाग के कुछ और अधिकारियों कर्मचारियों को गिरफ्तार कर सकती है.


सीबीआई ने इस रैकेट से जुड़े 9 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी जिनमें ग़ाज़ियाबाद में सीबीआई अकेडमी में तैनात डीएसपी आरके ऋषि, बैंक सिक्योरिटी एंड फ्रॉड सेल में तैनात इंसेक्टर कपिल धनकड़, स्पेशल क्राइम यूनिट में तैनात डीएसपी आरके सांगवान, बैंक सिक्योरिटी एन्ड फ्रॉड सेल में तैनात स्टेनोग्राफर समीर कुमार सिंह समेत 2 वकीलों अरविंद कुमार गुप्ता, मनोहर मालिक शामिल हैं.


इसके अलावा श्री श्याम पल्प एन्ड बोर्ड मिल्स प्राइवेट लिमिटेड के एडिशनल डायरेक्टर मनदीप कौर ढिल्लन और मुम्बई की फ्रॉस्ट इंटरनॅशनल प्राइवेट कंपनी के सूरज देसाई और उदय देसाई का नाम भी एफआईआर में शामिल है. बुधवार को कोर्ट में सुनवाई के दौरान सीबीआई ने तीनों आरोपियों का सात दिन का रिमांड मांगा था. लेकिन आरोपियों के वकील के विरोध किए जाने पर कोर्ट ने पांच दिनों का रिमांड मंजूर किया. कोर्ट ने रिमांड के दौरान आरोपियों के परिजनों और वकील को भी एक निश्चित समय के लिए मिलने की इजाजत दी है.


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