फोन पर लगातार हो रही थी ब्राइब की मांग, फिर CBI ने बिछाया जाल तो फंसा पीएफ क्लर्क, 1.3 लाख की रिश्वत लेते गिरफ्तार
CBI ने शिकायत मिलने के बाद जाल बिछाया और जब शिकायतकर्ता 1.3 लाख रुपये की पहली किस्त देने गया तो PF क्लर्क को रंगे हाथों रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया गया.

CBI Action In Bribe Case: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए मध्य प्रदेश के उमरिया जिले के नवरोजाबाद स्थित एसईसीएल (SECL) के सब एरिया ऑफिस में तैनात भविष्य निधि (PF) क्लर्क उमाशंकर तिवारी को 1.3 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया है.
कैसे सामने आया मामला?
सीबीआई को 24 मार्च 2025 को इस मामले की शिकायत मिली थी, जिसमें बताया गया कि कोल माइंस प्रोविडेंट फंड (CMPF) के क्षेत्रीय कार्यालय, जबलपुर के कमिश्नर और नवरोजाबाद के PF क्लर्क ने मिलकर 5 लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी. यह रिश्वत एक मृत कोयला खदान कर्मचारी के परिवार को उसका बकाया PF जारी करने के बदले में मांगी गई थी.
शिकायतकर्ता के पिता जो कि कुडरी कोल माइंस में कार्यरत थे उनका 14 मई 2021 को निधन हो गया था. पिता की मौत के बाद शिकायतकर्ता ने कई बार नवरोजाबाद कार्यालय जाकर अपने पिता के भविष्य निधि (PF) की रकम जारी करने की गुहार लगाई लेकिन वहां मौजूद PF क्लर्क ने बताया कि उसके पिता की कुल PF राशि 50 से 60 लाख रुपये के करीब है और इस रकम को निकालने के लिए 5 लाख रुपये की रिश्वत देनी होगी.
कमिश्नर भी थे शामिल, फोन पर लगातार हो रही थी डिमांड
शिकायतकर्ता और उसका रिश्तेदार जबलपुर स्थित CMPF कार्यालय भी गए, जहां PF क्लर्क ने उनकी मुलाकात क्षेत्रीय कमिश्नर से करवाई. आरोप है कि कमिश्नर से मुलाकात के बाद PF क्लर्क ने उनसे कहा कि 5 लाख रुपये देने पर उनका काम हो जाएगा. इसमें से 2.5 लाख रुपये कमिश्नर को दिए जाने थे. इसके बाद, PF क्लर्क ने शिकायतकर्ता के रिश्तेदार को कई बार फोन कर 1.5 लाख रुपये की पहली किस्त के रूप में देने के लिए कहा.
CBI का जाल और रंगे हाथ गिरफ्तार
CBI ने शिकायत मिलने के बाद जाल बिछाया और जब शिकायतकर्ता 1.3 लाख रुपये की पहली किस्त देने गया, तो PF क्लर्क को रंगे हाथों रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद PF क्लर्क के निर्देश पर क्षेत्रीय कमिश्नर के कार्यालय में तैनात एक सुरक्षा गार्ड ने रिश्वत की रकम स्वीकार की, जिसे बाद में CBI ने जब्त कर लिया.
CBI ने की छापेमारी, कई दस्तावेज बरामद
CBI ने आरोपियों के ठिकानों पर छापेमारी भी की, जहां से कई अहम दस्तावेज बरामद हुए हैं. आरोपी को 25 मार्च 2025 को अदालत में पेश किया जाएगा. CBI के अनुसार पूरे मामले की जांच जारी है और इस घोटाले से जुड़े अन्य आरोपियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है.
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