abp न्यूज़ के 'ऑपरेशन ब्लैक मनी' का असर, 6000 करोड़ रुपये के घोटाले मामले में CBI ने 6 लोगों को किया गिरफ्तार
Scam in Bank of Baroda: साल 2015 में बैंक ऑफ बड़ौदा के 6000 करोड़ के घोटाले मामले में सीबीआई ने 6 लोगों को गिरफ्तार किया है. इस घोटाले की शुरुआत बैंक ऑफ बड़ौदा के अशोक विहार ब्रांच से शुरू हुई थी.
Scam in Bank of Baroda: साल 2015 में बैंक ऑफ बड़ौदा(Bank of Baroda) के 6000 करोड़ रुपये के घोटाले मामले में सीबीआई(CBI) ने 6 लोगों को गिरफ्तार किया है. इस घोटाले की शुरुआत बैंक ऑफ बड़ौदा के अशोक विहार ब्रांच से शुरू हुई थी. एबीपी न्यूज ने इसका सबसे पहले पर्दाफाश किया था और एबीपी न्यूज पर खबर दिखाए जाने के बाद सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले में विभिन्न अपराधिक धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर छापेमारी की थी. इस मामले में अब तक सीबीआई और ईडी कुछ आरोप पत्र भी कोर्ट के सामने पेश कर चुके हैं.
सीबीआई प्रवक्ता आर सी जोशी के मुताबिक, आज इस मामले में जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया उनमें तनुज गुलाटी, ईश भूटानी, उज्जवल सूरी, हन्नी गोयल, साहिल वाधवा और राकेश कुमार शामिल हैं. ये सभी लोग प्राइवेट आदमी हैं और इस घोटाले से पूरी तरह से जुड़े हुए हैं. सीबीआई प्रवक्ता के मुताबिक, गिरफ्तारी के बाद इन सभी के 14 ठिकानों पर सीबीआई ने छापेमारी की है और इस छापेमारी के दौरान अनेक अहम दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस आदि बरामद किए गए हैं.
फर्जी दस्तावेज से खोले गए थे 59 खाते
सीबीआई प्रवक्ता के मुताबिक, इस घोटाले के तहत बैंक अधिकारियों की मिलीभगत से प्राइवेट लोगों ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बैंक में 59 खाते खोले थे. इन खातों के जरिए लगभग 6000 करोड़ रुपये की रकम को फॉरेक्स ट्रेड के जरिए विदेशों में भेजा गया था. इस मामले की आरंभिक जांच के दौरान जब इन 59 बैंक खातों की बाबत जमा कराए गए दस्तावेजों की जांच की गई, तो ज्यादातर एड्रेस फर्जी निकले. यह भी पता चला कि बैंक ऑफ बड़ौदा की अशोक विहार शाखा में तैनात तत्कालीन एजीएम एसके गर्ग और फॉरेक्स अधिकारी जेनिश दुबे भी इस षड्यंत्र का हिस्सा थे. इन दोनों को सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया था.
आरोप था कि यह बैंक अधिकारी फॉरेक्स के जरिए धन भेजने के बदले रिश्वत के तौर पर अपना हिस्सा लेते थे. एबीपी न्यूज द्वारा दिखाई गई खबर में यह भी दिखाया गया था कि इस मामले के तार विदेशों से जुड़े हुए हैं. प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए घपले में इस्तेमाल की गई हांगकांग की दो कंपनियों के असली मालिक मनमोहन सिंह और गगनदीप सिंह को भी गिरफ्तार किया था. जांच के दौरान पता चला था कि बैंक ऑफ बड़ौदा अशोक विहार शाखा में तीन शैल कंपनियां बनाकर लगभग 300 करोड़ रुपये हांगकांग भेजे गए थे. वंदना इंपैक्स नेहा एंटरप्राइजेज और अग्रवाल इंटरनेशनल के नाम से खाते अशोक विहार ब्रांच में खोले गए थे.
6 साल बाद छह और लोग गिरफ्तार
गिरफ्तार दोनों लोगों की हांगकांग में दो कंपनियां पाई गई थी और एक कंपनी में लोगों ने डमी मालिक बिठाया हुआ था. सीबीआई लगातार इस मामले की जांच के पीछे पड़ी रही और सबूत मिलने के बाद आज उसने इस मामले में लगभग 6 साल बाद छह और लोगों को गिरफ्तार कर लिया. सीबीआई के मुताबिक, गिरफ्तार सभी लोगों को गुरुवार को दिल्ली की विशेष सीबीआई अदालत के सामने पेश किया जाएगा, जहां से उन्हें पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया जा सकता है. मामले की जांच जारी है.
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