नई दिल्ली: ऑर्थोपेडिक सामान बनाने वाली एक कंपनी को लाइसेंस दिए जाने के बदले लाखों रुपए की रिश्वत मांग रहे केंद्रीय औषधि गुणवत्ता नियंत्रण संगठन अहमदाबाद में तैनात दो मेडिकल डिवाइस अधिकारियों को केंद्रीय जांच ब्यूरो ने गिरफ्तार किया है. इन अधिकारियों के यहां छापेमारी के दौरान सीबीआई को लगभग 25 लाख रुपए की नगदी और दस्तावेज बरामद हुए हैं.


सीबीआई प्रवक्ता आरसी जोशी के मुताबिक सीबीआई की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा को ऑर्थोपेडिक सामान बनाने वाली एक कंपनी के कर्ता-धर्ताओं ने शिकायत की थी. इस शिकायत में कहा गया था कि उनकी कंपनी ऑर्थोपेडिक  सामान बनाती है और इस कंपनी को मेडिकल डिवाइस नौ नाम के एक सर्टिफिकेट की जरुरत थी जिसे मेडिकल डिवाइस मैन्युफैक्चरिंग लाइसेंस कहा जाता है. इस लाइसेंस को लेने के लिए इन लोगों ने केंद्रीय औषधि गुणवत्ता नियंत्रण संगठन के अहमदाबाद कार्यालय में आवेदन किया था और इसके बाद मेडिकल डिवाइस अधिकारी पराग भूषण गौतम उनकी कंपनी में विजिट के लिए भी आया था.


आरोप है कि कंपनी को फेवर करने के बदले उक्त अधिकारी साढ़े 3 लाख रुपए की रिश्वत मांग रहा था. यह भी आरोप है कि इस रिश्वत कांड में उसका एक सहयोगी आर मोहन भी शामिल था जो खुद भी मेडिकल डिवाइस अधिकारी है.


सीबीआई ने जाल बिछाकर आरोपियों को किया गिरफ्तार 
सीबीआई के मुताबिक सूचना के आधार पर मामले की शुरुआती जांच की गई और जब जांच के दौरान यह पाया गया कि इस मामले में वास्तव में रिश्वत मांगी जा रही है तो सीबीआई अधिकारियों ने जाल बिछाकर दोनों अधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया.


गिरफ्तारी के बाद इनके यहां मारे गए छापे के दौरान सीबीआई को एक अधिकारी के यहां से 13 लाख 90 हजार रुपये और दूसरे अधिकारी के यहां से 11 लाख 40 हजार रुपये बरामद हुए हैं. इसके अलावा दोनों के पास से कुछ अहम दस्तावेजों समेत प्रॉपर्टी के दस्तावेज भी मिले हैं जिनकी जांच का काम जारी है. सीबीआई के मुताबिक इन दोनों को गिरफ्तारी के बाद अहमदाबाद में सीबीआई की विशेष अदालत के सामने पेश किया जाएगा.


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