CBI Arrested Railway Officer Taking Bribe: केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने रिश्वतखोरी के आरोप में पूर्व मध्य रेलवे के मुख्य माल परिवहन प्रबंधक समेत कुल 6 लोगों को गिरफ्तार किया है इनमें अन्य 2 रेलवे के अधिकारी और 3 निजी व्यक्ति शामिल है. सीबीआई ने इस मामले में पटना (Patna), सोनपुर (Sonpur), कोलकाता (Kolkata) समेत 16 जगहों पर छापेमारी कर 46 लाख रुपए से ज्यादा की नकदी बरामद की है.


इस मामले के तार कोलकाता के बिजनेसमैन से जुड़ गए हैं साथ ही एक कार भी बरामद हुई है जिसमें रिश्वत की रकम लिफाफों में मिली है. सीबीआई प्रवक्ता आरसी जोशी के मुताबिक इस मामले में जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है उनमें भारतीय रेल यातायात सेवा के 1996 बैच के वरिष्ठ अधिकारी और पूर्व मध्य रेलवे में मुख्य माल परिवहन प्रबंधक पद पर तैनात संजय कुमार तथा दो अन्य अधिकारी रूपेश कुमार और सचिन मिश्रा शामिल है.


कहां तैनात थे ये अधिकारी?
यह दोनों अधिकारी भारतीय रेल यातायात सेवा के 2011 बैच के अधिकारी हैं. दोनों ही अधिकारी समस्तीपुर और सोनपुर में तैनात थे. इनके अलावा आभा एग्रो एक्सपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड कोलकाता की कंपनी के नवल लोधा तथा मनोज लोधा और उत्तर दिनाजपुर के मनोज कुमार साहा शामिल है.


सीबीआई के मुताबिक इस मामले में इन आरोपियों के खिलाफ एक सूचना के आधार पर विभिन्न आपराधिक धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था. इस मामले में आरोप था कि यह रेलवे अधिकारी प्राइवेट कंपनी के लोगों के साथ मिलकर रेलवे के तमाम नियम कानूनों को ताक पर रखकर रेलवे को तो चूना लगा ही रहे हैं साथ ही अपने घर रिश्वत से भर रहे हैं. 


अधिकारियों पर क्या हैं आरोप?
आरोप है कि यह अधिकारी इन्हीं लोगों के साथ मिलकर सामान भेजने के लिए माल लदान में रेलवे रैक के पक्षपात पूर्ण आवंटन करते थे और अवैध रूप से रिश्वत लिया करते थे. यह भी आरोप है कि कोलकाता स्थित निजी कंपनी के निदेशक द्वारा उनकी फर्म के लिए सामान चढ़ाने के लिए अतिरिक्त समय और अन्य अनुचित लाभ आदि भी पहुंचाया करते थे.


कितने रुपये की रिश्वत का हो रहा था लेन-देन?
आरोप के मुताबिक इन रेल अधिकारियों की जिन कंपनियों से सेटिंग रहती थी उनके लोगों को नियमित रूप से रेलवे रेल सेवाएं दी जाती थी और उसके बदले मासिक आधार पर रिश्वत ली जाती थी. इसके बदले यह लोग अपने अधिकारों का प्रयोग कर इन निजी लोगों को उनके समय पर सुविधाएं उपलब्ध कराते थे. आरोप के मुताबिक निजी कंपनी के निदेशक ने अपने भाई को 23 लाख रुपए से ज्यादा की रिश्वत पूर्व मध्य रेलवे के विभिन्न अधिकारियों को दिए जाने के निर्देश दिए. इसी रिश्वतखोरी के दौरान सीबीआई ने जाल बिछाकर इन अधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया.


सीबीआई को कितने सबूत हाथ लगे?
सीबीआई (CBI) का दावा है कि उसे इस दौरान एक एसयूवी कार भी बरामद हुई जिसमें रिश्वत के लिए नगद राशि से भरे हुए छह लिफाफे मिले. जिनमें लगभग 29 लाख रुपए की रकम थी. सूचना के आधार पर केंद्रीय जांच ब्यूरो ने पटना सोनपुर हाजीपुर समस्तीपुर कोलकाता आदि सहित 16 स्थानों पर तलाशी ली. इस तलाशी के दौरान विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज और 46 लाख ₹50 हजार बरामद हुए. इसमें रिश्वत के लिफाफे भी शामिल हैं. सीबीआई गिरफ्तार आरोपियों को विशेष अदालत के सामने पेश करेंगी.


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