Defamatory Remarks on Judicary: सीबीआई ने जज और न्यायपालिका के खिलाफ सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट करने के आरोप में वकील समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने जज और न्यायपालिका के खिलाफ आपत्तिजनक पोस्ट, सोशल मीडिया पर स्पीच, इंटरव्यू ऑनलाइन करने वाले आरोपियों के खिलाफ कई मुकदमे दर्ज कर जांच शुरू की थी. सीबीआई ने आंध्र प्रदेश, तेलंगाना में आरोपियों और संदिग्धों के घर और दफ्तर समेत 10 लोकेशन पर रेड्स की और अनेक दस्तावेज बरामद किए.
एक बयान में कहा गया, 'केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने कथित तौर पर ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर इंटरव्यू/ सोशल मीडिया/ पोस्ट/ भाषणों के जरिए जजों और जूडिशरी को जानबूझकर निशाना बनाने में शामिल आरोपियों के खिलाफ कई मामले/प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं, क्योंकि ये लोग आदेश देने या फैसले जारी करने में कथित दुर्भावनापूर्ण आदेशों को जिम्मेदार ठहराते हैं. आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट के आदेश पर एफआईआर दर्ज की गई है'.
सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट और आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट पर आपत्तिजनक टिप्पणी मामले में 7 एफआईआर दर्ज की थीं. पिछले साल 11 नवंबर को एजेंसी ने 16 आरोपियों पर केस दर्ज किया था और आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट के आदेश पर सीआईडी से 12 एफआईआर ले ली थीं. इस मामले में सीबीआई ने कई चार्जशीट भी फाइल की थीं.
इसके अलावा सीबीआई ने देश के सबसे बड़े बैंक धोखाधड़ी मामले में एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड और उसके तत्कालीन अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक ऋषि कमलेश अग्रवाल सहित अन्य के मुकदमा दर्ज किया है. अधिकारियों ने शनिवार को कहा था कि यह मुकदमा भारतीय स्टेट बैंक की अगुवाई वाले बैंकों के एक संघ से कथित रूप से 22,842 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी के संबंध में दर्ज किया गया.
एजेंसी ने अग्रवाल के अलावा तत्कालीन कार्यकारी निदेशक संथानम मुथास्वामी, निदेशकों - अश्विनी कुमार, सुशील कुमार अग्रवाल और रवि विमल नेवेतिया और एक अन्य कंपनी एबीजी इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ भी कथित रूप से आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी, आपराधिक विश्वासघात और आधिकारिक दुरुपयोग जैसे अपराधों के लिए मुकदमा दर्ज किया.