CBI ने कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय के बड़े अधिकारियों पर कसा शिकंजा, चार गिरफ्तार, जानें क्या है पूरा मामला
Bribery Case: सीबीआई ने भ्रष्टाचार मामले में कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय के दो संयुक्त निदेशक सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया. इन पर ऱिश्वत लेने का आरोप है.
CBI Arrested: सीबीआई ने शनिवार (29 जुलाई) को भ्रष्टाचार केस में कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय के मंजीत सिंह और पुनीत दुग्गल सहित चार आरोपियों को गिरफ्तार किया. दिल्ली, मुंबई और चेन्नई में आरोपियों के परिसरों पर तलाशी के दौरान लगभग 60 लाख रुपये नकद सीबीआई ने बरामद किए.
सीबीआई ने चारों के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया है. ये चार आरोपी कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय के संयुक्त निदेशक मंजीत सिंह, कॉरपोरेट मामलों की वरिष्ठ तकनीकी सहायक रूही अरोड़ा, कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय के संयुक्त निदेशक पुनीत दुग्गल और निजी संस्था आलोक इंडस्ट्रीज एसोसिएट रेशमा रायजादा है.
सीबीआई ने क्या कहा?
सीबीआई ने अपनी एफआईआर में कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय के उपरोक्त नामित अधिकारियों और निजी व्यक्तियों पर भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप लगाया है. साथ ही कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय की जांच किए जा रहे केस में पक्षपात करने के लिए व्यक्तियों से रिश्वत लेने का आरोप है.
सीबीआई ने एफआई में क्या कहा?
सीबीआई की एफआईआर में आगे कहा गया है कि ऋषभ रायजादा आधिकारिक परिसमापक (एमओसीए) पुनीत दुग्गल के संपर्क में थे. रेशम रायज़ादा ने अहमदाबाद में दुग्गल को "रिश्वत की रकम पहुंचाई. रूही अरोड़ा ने कथित तौर पर मंजीत सिंह को इस मामले में रेशम रायजादा की मदद करने के लिए राजी किया.
सीबीआई ने खुलासा किया कि पुनीत दुग्गल ने रूही अरोड़ा को 27 जुलाई को फोन कर बताया कि सिंह को दी जाने वाली चार लाख की रिश्वत पैसा उनके (दुग्गल) आवास पर पहुंचा दिया गया है.
सीबीआई ने क्या कहा?
सीबीआई ने भ्रष्टाचार और अवैध गतिविधियों में संलिप्त होने, साजिश रचने और अवैध व अनैतिक व्यावसायिक गतिविधियों से संबंधित मामले में मंत्रालय की जा रही जांच से संबंधित आलोक इंडस्ट्रीज की फाइलों में अनुग्रह के लिए निजी व्यक्ति से रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया है.
एजेंसी ने कहा कि अधिकारियों ने प्राथमिकी के बाद जाल बिछाकर आरोपियों को गिरफ्तार किया.