नई दिल्ली: निजी बैंकों के ऐसे अधिकारी जो ग्राहकों का काम करने के बदले रिश्वत ले रहे हैं, अब वह सावधान हो जाएं क्योंकि निजी बैंकों के रिश्वतखोर अधिकारी भी अब सीबीआई के रडार पर हैं. सीबीआई ने चेन्नई स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक के एक अधिकारी को 3 लाख रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया है. गिरफ्तारी के बाद उसे सीबीआई की विशेष अदालत के सामने पेश किया गया, जहां से उसे 3 मार्च 2021 तक के लिए सीबीआई रिमांड पर भेजा गया है.
सीबीआई प्रवक्ता आरसी जोशी के मुताबिक पकड़े गए अधिकारी का नाम राजेंद्रन है, जो स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक में ग्रुप स्पेशल ऐसेट मैनेजमेंट अधिकारी के तौर पर तैनात है. सीबीआई प्रवक्ता के मुताबिक अधिकारी के ठिकानों पर छापेमारी के दौरान 18 लाख रुपए की नकदी और संपत्ति के दस्तावेजों के अलावा बैंक लॉकर का पता चला है. सीबीआई का कहना है कि शिकायतकर्ता ने केंद्रीय जांच ब्यूरो चेन्नई कार्यालय को शिकायत की थी कि शिकायतकर्ता की फर्म ने 2005 से 2016 की अवधि के दौरान स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक, डीबी ब्रांच, कोयम्बटूर से कुल 27 करोड़ 70 लाख (लगभग) के लिए ओड / टर्म लोन की सुविधाओं का लाभ उठाया था. बाद में शिकायतकर्ता के खाते कथित तौर पर एनपीए बन गए और बैंक और शिकायतकर्ता के बीच विवाद हो गया. इस पर बैंक ने SARFAESI अधिनियम, 2002 के तहत कार्रवाई शुरू की और आरोपी उधारकर्ताओं की अचल संपत्तियों का निपटान करने के लिए आरोपी राजेंद्रन अधिकृत अधिकारी था.
आरोप है कुछ मुद्दों को लेकर शिकायतकर्ता और बैंक के बीच विवाद बढ़ गया इस पर उधारकर्ता ने फरवरी, 2021 के दौरान ऋण वसूली न्यायाधिकरण अदालत, कोयंबटूर के समक्ष मामला दायर किया और बिक्री के खिलाफ स्थगन आदेश प्राप्त किया. चूंकि मामला DRT के समक्ष लंबित था, इसलिए अभियुक्त ने उधारकर्ता की मदद और समर्थन के लिए शिकायतकर्ता से 3 लाख रुपये रिश्वत मांगी. शिकायतकर्ता ने ही इस बाबत सीबीआई को शिकायत दी और CBI ने जाल बिछा कर आरोपी को रंगे हाथ रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद आरोपी बैंक अधिकारी को सीबीआई मामलों के चेन्नई के प्रधान न्यायाधीश की अदालत में पेश किया गया और उसे 03.03.2021 तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. जांच जारी है.
ध्यान रहे कि अभी तक यही धारणा थी कि सीबीआई केवल सरकारी बैंकों के अधिकारियों को ही रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर सकती है, लेकिन सीबीआई प्रवक्ता के मुताबिक प्राइवेट बैंकों के अधिकारी भी सीबीआई के निशाने पर हैं और यदि ऐसी कोई शिकायत पाई गई तो निजी बैंकों के रिश्वतखोर अधिकारियों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी.