नई दिल्ली: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने उत्तर पूर्व फ्रंटियर रेलवे के एक अति वरिष्ठ अधिकारी महेंद्र सिंह चौहान समेत तीन लोगों को एक करोड़ रुपए की रिश्वत लेने के आरोप में हिरासत में लिया है. आरोप है कि एक प्राइवेट कंपनी को बड़े पैमाने पर रेलवे में ठेके दिए जाने के बदले रिश्वत की यह रकम दी जा रही थी. सीबीआई का दावा है कि रिश्वत की रकम बरामद भी हो गई है जो सीबीआई के इतिहास में अब तक की बड़ी बरामदगी में से एक है.
सीबीआई के एक अधिकारी ने बताया कि सीबीआई को गुप्त सूचना मिली थी कि रेलवे के नॉर्थईस्ट फ्रंटियर रेलवे में बड़े पैमाने पर ठेके दिए जाने को लेकर रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी सांठगांठ कर रहे हैं. सूचना के आधार पर सीबीआई ने जाल बिछाया और नॉर्थईस्ट फ्रंटियर रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी महेंद्र सिंह चौहान के देहरादून स्थित एक कथित घर पर रिश्वत देते हुए एक शख्स को हिरासत में लिया गया. जो शख्स हिरासत में लिया गया उससे पूछताछ के आधार पर सीबीआई ने महेंद्र सिंह चौहान समेत दो अन्य लोगों को हिरासत में लिया.
सीबीआई के अधिकारी के मुताबिक महेंद्र सिंह चौहान रेलवे इंजीनियरिंग सर्विस के 1985 बैच के वरिष्ठ अधिकारी बताए जाते हैं. अब तक की आरंभिक जांच के दौरान पता चला कि यह पैसा एक प्राइवेट कंपनी द्वारा दिया जा रहा था जिसे रेलवे के बड़े ठेकों को दिलाए जाने का आश्वासन दिया गया था. साथ ही यह भी बताया जा रहा है कि उक्त कंपनी इसके पहले भी रेलवे के ठेके ले चुकी है. सीबीआई के अधिकारी के मुताबिक फिलहाल सीबीआई पांच राज्यों में 20 से ज्यादा जगहों पर छापेमारी कर रही है. छापेमारी के दौरान अभी तक अनेक दस्तावेज बरामद हुए हैं. साथ ही हिरासत में लिए गए महेंद्र सिंह चौहान समेत तीनों लोगों से पूछताछ जारी है. सीबीआई के अधिकारी के मुताबिक एक करोड़ रुपए की बरामदगी सीबीआई के इतिहास में बड़ी बरामदगियों में से एक है. इसके पहले इतनी लंबी रकम की बरामदगी कम ही हुई है. फिलहाल छापेमारी और मामले की जांच जारी है.
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