नई दिल्लीः तब्लीगी जमात और उसके मुखिया मौलाना साद की मुश्किलें और बढ़ती नजर आ रही हैं. सीबीआई ने अब इस मामले में आरंभिक जांच के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. सीबीआई ने तब्लीगी जमात के संचालकों और जमात में आने वाले कथित अवैध विदेशी डोनेशन की जांच के मामले में आई शिकायत के आधार पर यह जांच शुरू की है.


सीबीआई के एक आला अधिकारी ने बताया कि सीबीआई को 'शिकायत मिली थी कि तब्लीगी जमात और उसके संचालकों के पास अवैध तरीके से विदेशी चंदा आ रहा है. इसके साथ ही इस बारे में यह भी आरोप है कि इस विदेशी चंदे के लिए कानूनी अनुमति नहीं ली गई है. सीबीआई ने शिकायत के आधार पर आरंभिक जांच का मामला दर्ज किया है.


सीबीआई के आला अधिकारी ने बताया आरंभिक जांच के मामले के तहत सीबीआई किसी भी शख्स को ना तो कानूनी तौर पर नोटिस देकर पूछताछ के लिए बुला सकती है, और ना ही किसी संस्थान या घर पर इस बाबत छापा मार सकती है.


अधिकारी का कहना है कि इस जांच के तहत दस्तावेजों के आधार पर दी गई शिकायत की जांच की जाती है और इस जांच के दौरान यदि यह पाया जाता है कि दी गई शिकायत में जो तथ्य दिए गए हैं उनके आधार पर मामला आपराधिक धाराओं के तहत बनता है तो उसके बाद सीबीआई ऐसे मामलों में नियमित केस यानी आरसी जिसे आम बोलचाल की भाषा में F.I.R. कहा जाता है वह दर्ज करती है. उसके बाद अधिकारिक तौर पर कानूनी कार्रवाई शुरू करती है.


सीबीआई द्वारा आरंभिक जांच शुरू किए जाने के बाद तब्लीगी जमात और मौलाना साद समेत उनके सभी सहयोगियों की मुश्किलें आने वाले दिनों में और बढ़ सकती हैं. अगर सीबीआई को आरंभिक जांच के दौरान तथ्य मिल गए और एफआईआर दर्ज हो गई तो दिल्ली पुलिस और आयकर विभाग के बाद सीबीआई का शिकंजा भी तब्लीगी जमात और उनके सहयोगियों पर जाएगा.


बता दें कि अभी तक किसी भी जांच एजेंसी ने मौलाना साद को पूछताछ का नोटिस जारी नहीं किया है. हालांकि दिल्ली पुलिस ने इस मामले में तब्लीगी जमात में भाग लेने वाले विदेशी जमातियों के खिलाफ 43 आरोप पत्र कोर्ट के सामने दाखिल किए हैं. जिन पर जून में सुनवाई होनी है. ईडी और दिल्ली पुलिस दोनों का दावा है कि इस मामले में जांच जारी है और जल्द ही मौलाना साद को भी पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है. वहीं अभी तक दोनों एजेंसियों के दावे हवा-हवाई साबित हुए हैं क्योंकि मौलाना साद को अभी तक पूछताछ का कोई नोटिस जारी नहीं हुआ है.


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