कौन हैं महाराष्ट्र की IPS अफसर भाग्यश्री नवटके, CBI ने 1200 करोड़ के धोखाधड़ी मामले में दर्ज किया केस
IPS Bhagyashree Navtake 1200 Crore Fraud Case: आईपीएस अधिकारी भाग्यश्री नवटके पर भारतीय दंड संहिता की धारा 120-B, 466 (जालसाजी), 474, और 201 (सबूतों को नष्ट करने) के तहत आरोप लगाए गए हैं.
IPS Bhagyashree Navtake 1200 Crore Fraud Case: केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने महाराष्ट्र की आईपीएस अधिकारी भाग्यश्री नवटके के खिलाफ जालसाजी और आपराधिक साजिश के आरोपों में मामला दर्ज किया है. CBI ने गुरुवार (17 अक्टूूबर) को यह जानकारी दी. यह मामला ₹1200 करोड़ के एक कथित घोटाले की जांच से जुड़ा है, जिसमें फर्जी दस्तावेज और धोखाधड़ी शामिल बताई जा रही है.
आईपीएस अधिकारी भाग्यश्री नवटके पर भारतीय दंड संहिता की धारा 120-B (आपराधिक साजिश), 466 (जालसाजी), 474 (जाली दस्तावेज का इस्तेमाल), और 201 (सबूतों को नष्ट करने) के तहत आरोप लगाए गए हैं. नवटके पर आरोप है कि उन्होंने 2020 से 2022 तक जलगांव स्थित भाईचंद हिराचंद रायसोनी क्रेडिट सोसाइटी से जुड़े 1200 करोड़ के घोटाले की जांच के दौरान जालसाजी की थी.
पुणे पुलिस की जांच और CID की रिपोर्ट
पुणे पुलिस ने अगस्त में भाग्यश्री नवटके के खिलाफ पहला मामला दर्ज किया, जो एक CID रिपोर्ट पर आधारित था. इस रिपोर्ट में घोटाले की जांच में गंभीर प्रक्रियात्मक खामियों को सामने लाया गया. महाराष्ट्र गृह विभाग के निर्देशों के बाद यह मामला दर्ज किया गया. 2021-22 में भाग्यश्री नवटके पुणे जिले में विशेष जांच दल (SIT) की प्रमुख के तौर पर काम कर रही थीं, जो भाईचंद हिराचंद रायसोनी क्रेडिट सोसाइटी से जुड़े घोटालों की जांच कर रही थी.
CID की जांच में हुए खुलासे
CID की जांच में पाया गया कि नवटके ने एक ही दिन में एक अपराध के तहत तीन अलग-अलग मामले दर्ज किए थे और शिकायतकर्ताओं की गैर-मौजूदगी में उनके हस्ताक्षर भी लिए थे. इन अनियमितताओं के आधार पर महाराष्ट्र गृह विभाग ने पुणे पुलिस को मामला दर्ज करने का निर्देश दिया.
क्या है ₹1200 करोड़ का BHR घोटाला?
यह घोटाला 2015 से जुड़ा है, जिसमें फिक्स्ड डिपॉजिट पर आकर्षक ब्याज दरों का वादा कर कई लोगों को ठगा गया था. इस मामले में मुख्य आरोपी जितेंद्र कंदारे को पुणे सिटी पुलिस ने जून 2021 में गिरफ्तार किया था, और घोटाले की जांच अभी भी जारी है. घोटाले से जुड़ी जांच को 2020 में CBI को सौंप दिया गया था. इसके बाद केंद्रीय एजेंसी ने दिल्ली स्थित एक कंपनी के निदेशकों के खिलाफ 12 बैंकों को धोखाधड़ी करने के आरोप में भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया था.
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