नई दिल्ली: सीबीआई में चल रही अंदरूनी विवाद के बीच आज पीएम नरेंद्र मोदी के आदेश पर बड़ी कार्रवाई हुई है. डायरेक्टर आलोक वर्मा और स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना से तत्काल प्रभाव के कामकाज वापस लेकर छुट्टी पर भेज दिया गया है. साथ ही एम नागेश्वर राव को तत्काल प्रभाव से सीबीआई का अंतरिम डायरेक्टर बनाया गया है.


कौन हैं एम नागेश्वर राव?
एम नागेश्वर राव 1984 बैच के ओडिशा कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं. आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना के बाद सबसे वरिष्ठ अधिकारी हैं. नागेश्वर राव काफी लंबे वक्त से सीबीआई में तैनात हैं. इससे पहले वे सीबीआई में ही एसपी के पद पर भी सेवाएं दे चुके हैं.


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2015 में उन्होंने चेन्नई में ज्वाइंट डायरेक्टर के तौर पर सीबीआई ज्वाइन की और दो साल बाद ट्रांसफर होकर दिल्ली आ गए. सीबीआई में आने से पहले राव ओडिशा में फायर सर्विस डिपार्टमेंट में एडीजी रहे. उन्होंने कई जिलों में पुलिस अधीक्षक के तौर पर भी सेवाएं दी. कुछ समय के लिए उन्होंने सीआरपीएफ में भी काम किया.


तेलंगाना के वारंगल जिले के रहने वाले नागेश्वर राव ने उस्मानिया यूनिवर्सिटी हैदराबाद से कैमिस्ट्री में पोस्ट ग्रेजुएशन किया. इसके बाद उन्होंने आईआईटी मद्रास से अपनी रिसर्च पूरी की. सीबीआई में अपनी ज्वाइनिंग के वक्त एक अखबार से नागेश्वर राव ने कहा था किवो हमेशा चुनौतीपूर्ण कार्यों को संभालते हैं, हालांकि हम उन्हें पसंद नहीं करते हैं.


सीबीआई हेडक्वार्टर में वर्मा और अस्थाना के दफ्तर सीज
सीबीआई मुख्यालय के 10वें और 11वें फ्लोर को सीज़ कर दिया है. अहम बात है कि इन दोनों फ्लोर्स पर डायरेक्टर आलोक वर्मा और स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना के दफ्तर हैं. फिलहाल किसी को भी सीबीआई हेडक्वार्टर में आने-जाने नहीं दिया जा रहा है. बड़े अधिकारियों को भी बाहर ही रोका गया है.


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CBI की अंदरूनी कलह का पूरा मामला है क्या?
सीबीआई के वर्तमान स्पेशल निदेशक राकेश अस्थाना समेत चार लोगों के खिलाफ खुद सीबीआई ने रिश्वत लेने का मुकदमा दर्ज कर लिया. सीबीआई ने इस मामले मे अपने ही डीएसपी देवेंद्र कुमार पर छापा मार कर आठ मोबाइल फोन बरामद किए. डीएसपी देवेंद्र कुमार को गिरफ्तार किया गया, फिलहाल वो रिमांड पर है.


एफआईआर ने इस मामले में जो एफआईआर दर्ज की है उसमें स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना जो सीबीआई के नंबर दो अधिकारी हैं. इन पर मशहूर मीट कारोबारी मोइन कुरेशी के मामले में सतीश साना नाम के एक शख्स से दो करोड रुपये की रिश्वत लेने का आरोप लगाया गया है. सीबीआई ने अपनी एफआईआर में यह भी कहा कि इस रिश्वत कांड के तार दिल्ली से लेकर दुबई तक जुड़े हुए है.


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सूत्रों के मुताबिक सीबीआई के विशेष निदेशक ने भी इस एफआईआऱ पर पलटवार किया और कहा कि उनके खिलाफ ये मुकदमा सोची समझी साजिश के तहत दर्ज किया गया है क्योंकि वो खुद निदेशक आलोक वर्मा के भ्रष्टाचार के आरोपो की फेहरिस्त प्रधानमंत्री कार्यालय औऱ केन्द्रीय सर्तकता आय़ुक्त को अगस्त माह में ही दे चुके है. यह भी आरोप लगाया गया कि दो करोड रुपये की रिश्वत उन्होने नहीं सीबीआई निदेशक ने ली है.