सात बैंकों के 3700 करोड़ उड़ाने वाले विक्रम कोठारी को साथ ले गई सीबीआई, 11 बैंक एकाउंट जब्त किए गए
पेन बनाने वाली कंपनी रोटोमैक केकंपनी के मालिक विक्रम कोठारी पर 3700 करोड़ के बैंक घोटाले का आरोप लग रहा है. आरोप में ये बात भी सामने आई है कि कंपनी के मालिक ने एक-दो नहीं बल्कि सात बैंकों को लूटा है.
नई दिल्लीः 3700 करोड़ रुपये के घोटाले में फंसे रोटोमैक कंपनी के मालिक कोठारी को सीबीआई कानपुर से दिल्ली ला रही है. सीबीआई की जांच टीम ने रविवार को मशहूर इंडस्ट्रियलिस्ट विक्रम कोठारी से उनके आवास पर पूछताछ की थी. ये खबर गलत थी कि नीरव मोदी की तरह कोठारी भी देश छोड़कर जा चुके हैं. खबर के मुताबिक इनकम टैक्स विभाग ने विक्रम कोठारी के 11 बैंक अकाउंट भी जब्त कर लिए हैं. आरोप में ये बात भी सामने आई है कि कंपनी के मालिक ने सात बैंकों को लूटा है.
इनकम टैक्स विभाग भी कर रहा है कार्रवाई सीबीआई और ईडी के बाद अब इनकम टैक्स विभाग ने रोटोमैक ग्रुप और उसके प्रमोटर्स के खिलाफ अपनी कार्रवाई तेज कर दी है. इनकम टैक्स अधिकारियों ने कहा कि विक्रम कोठारी के खिलाफ कथित टैक्स चोरी जांच के संबंध में 11 बैंक खातों में लेन-देन को रोक दिया गया है.
अधिकारी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में विभिन्न बैंक शाखाओं में उनके खातों पर बीती रात लेनदेन पर रोक लगाई गई. शुरुआती जब्ती कार्रवाई करीब 85 करोड़ की ‘‘बकाया टैक्स मांग’’ को ध्यान में रखकर की गई है. इनकम टैक्स विभाग ने पिछली जनवरी में समूह के तीन खातों में लेन-देन पर रोक लगाई थी. सीबीआई ने बैंक ऑफ बड़ौदा से मिली शिकायत पर रोटोमैक ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड, उसके निदेशक विक्रम कोठारी, उनकी पत्नी साधना कोठारी, बेटे राहुल कोठारी और अज्ञात बैंक अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था और कल छापेमारी की थी. पेन बनाने वाली कंपनी रोटोमैक केकंपनी के मालिक विक्रम कोठारी पर 7 बैंकों के 3700 करोड़ के बैंक घोटाले का आरोप लग रहा है. मामले की जांच केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई और ईडी कर रही हैं.सीबीआई ने बैंक ऑफ बड़ौदा, कानपुर की रोटोमैक ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड, उसके निदेशक विक्रम कोठारी, उनकी पत्नी साधना कोठारी और उनके बेटे राहुल कोठारी के अलावा अज्ञात बैंक अधिकारियों के खिलाफ मिली शिकायत के बाद मामला दर्ज किया है. शुरू में अनुमान था कि यह घोटाला 800 करोड़ रुपये का हो सकता है. लेकिन सीबीआई की कंपनी के खातों की जांच शुरू होने के बाद यह पाया गया कि कंपनी ने कथित रूप से बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, इंडियन ओवरसीज बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, इलाहबाद बैंक और ओरिएंटल बैंक ऑफ कामर्स से ज्यादा कर्ज लिए हैं और यह गड़बड़ी इससे कहीं अधिक की है.
सीबीआई का कहना है कि इन आरोपियों ने सातों बैंकों से मिले 2,919 करोड़ रुपये के कर्ज की हेराफेरी की है. सीबीआई का कहना है कि इनपर ब्याज़ समेत कुल बकाया राशि 3,695 करोड़ रुपये की है.