Fake Job Racket busted: केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने शुक्रवार (10 नवंबर) को सरकारी नौकरी का झांसा देकर ठगी करने वाले एक अतंरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ किया है. इस मामले में सीबीआई ने गिरोह के 3 सदस्यों को भी गिरफ्तार किया है जोकि पिछले 2 सालों में उम्मीदवारों से कथित तौर पर करोड़ों रुपये एकत्र कर चुके हैं. जांच एजेंसी ने पटना, मंगलुरु, बेंगलुरु और धनबाद समेत 9 ठिकानों पर छापेमारी की.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, अधिकारियों का कहना है कि सीबीआई ने एफआईआर में छह लोगों पर मामला दर्ज किया था. इनमें से जिन 3 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई हैं. उनमें बेंगलुरु से अजय कुमार, झारखंड से अमन कुमार उर्फ रूपेश और बिहार से अभिषेक सिंह उर्फ विशाल प्रमुख रूप से शामिल हैं.
जांच एजेंसी के अधिकारियों का कहना है कि तलाशी अभियान के दौरान यह पता चला कि यह सिंडिकेट दो साल से अधिक समय से फर्जीवाड़े का काम कर रहा था. वे लोगों को सरकारी नौकरियां दिलाने का वादा करके अपने जाल में फंसाते थे. इनके झांसे में आने वाले हर उम्मीदवार से ये 10-15 लाख रुपये एंठते थे.
पटना और मुंबई में चल रहे थे दो फर्जी ट्रेनिंग कैंप
सिंडिकेट के सदस्यों की ओर से कई शहरों में अभ्यर्थियों के लिए फर्जी ट्रेनिंग कैंप भी आयोजित किए. इस छापेमारी के दौरान 2 कैंप (एक पटना और दूसरा मुंबई के साकीनाका में) संचालित हो रहे थे.
कर्नाटक में भी आया था इस तरह का एक मामला
पिछले माह अक्टूबर में भी कर्नाटक पुलिस ने भारतीय सशस्त्र बलों (Armed Forces) में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया था. इस सिलसिले में 20 अक्टूबर को दो लोगों को गिरफ्तार भी किया गया था.
प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो की रक्षा शाखा की ओर से 24 अक्टूबर को एक बयान जारी कर बताया गया था कि इन लोगों ने करीब 150 उम्मीदवारों से एक करोड़ रुपये की वसूली की. ठगी के शिकार हुए एक उम्मीदवार की ओर से शिकायत दर्ज होने के बाद इंडियन आर्मी की खुफिया यूनिट ने कर्नाटक पुलिस से गिरोह के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी शेयर की थी.
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