आम आदमी मेहनत मजदूरी कर अपना भविष्य सुरक्षित करने के लिए अपने पीएफ अकाउंट में पैसे जमा कराता है लेकिन जब उस विभाग के अधिकारी फर्जी खाते खोलकर धोखाधड़ी करने लगे तो फिर भगवान ही मालिक है. केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने फर्जी भविष्य निधि खाते खोलकर लगभग 19 करोड़ रुपए की पीएफ राशि की धांधली करने के आरोप मे ईपीएफओ (CBI) के 3 सहायक आयुक्तों समेत वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर छापेमारी की. इस छापेमारी के दौरान लगभग साढे 13 लाख रुपए बरामद हुए हैं.
सीबीआई (CBI) प्रवक्ता आर सी जोशी के मुताबिक यह मुकदमा ईपीएफओ (EPFO) के केंद्रीय कार्यालय दिल्ली (Delhi) द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर दर्ज किया गया था. इस मामले में सीबीआई ने वरिष्ठ सामाजिक सुरक्षा सहायक चंदन कुमार सिन्हा, सामाजिक सुरक्षा सहायक अभिजीत ओंकार, डाटा प्रोसेसिंग सहायक शिव शंकर मामजी और तीन सहायक प्रोविडेंट फंड कमिश्नरों उत्तम तगारी, विजय जे और दिलीप राठौर समेत लेखा अधिकारी गणेश ध्यावत और सेक्शन सुपरवाइजर सीमा दिनकर के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था. यह सभी अधिकारी ईपीएफओ (EPFO) के क्षेत्रीय कार्यालय कांदिवली ईस्ट मुंबई में तैनात थे.
सीबीआई के मुताबिक, इन लोगों ने धोखाधड़ी करने के लिए आपराधिक षड्यंत्र कर एक साजिश रची. इस साजिश के तहत इन लोगों ने एक बंद हो चुकी कंपनी के कथित व्यक्तियों के नाम पर फर्जी पीएफ खाता खोले. दस्तावेजों में हेराफेरी कर इन लोगों का पीएफ बाकी दिखाया गया. आरोप है कि दस्तावेजों में हेराफेरी कर ऐसे लगभग 712 खाते बनाए गए. इसके बाद इन खातों में लगभग 19 करोड़ रुपए का भुगतान भी कर दिया गया.
इस साजिश में ईपीएफओ के कांदिवली ईस्ट मुंबई में तैनात अधिकारी शामिल थे. प्रत्येक खाते के नाम पर दो से ₹4 लाख तक की निकासी की गई. इसके लिए फर्जी क्लेम भी किए गए. सीबीआई ने इस मामले में विभिन्न आपराधिक धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर आज कुल 4 जगहों पर छापेमारी की और इस छापेमारी के दौरान सीबीआई को लगभग साढ़े 13 लाख रुपए की नकदी एवं महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद हुए हैं. मामले की जांच जारी है.
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