सीबीआई की ये कार्रवाई उस वक्त हुई जब लालू यादव चारा घोटाले से जुड़े डोरंडा ट्रेजरी मामले में जमानत पर बाहर आए हैं. दरअसल, साल 1990 से 1995 के बीच डोरंडा ट्रेजरी से गलत तरीके से 139 करोड़ रुपये निकाले गए थे. इन पैसों को गलत तरीकों से पशुओं और उनके चारे पर खर्च होना बताया गया था. मामले के सामने आने के बाद साल 1996 में सीबीआई ने अलग-अलग कोषागारों के गलत तरीके से पैसे निकालने के आरोप में कुल 66 मुकदमें दर्ज किए थे. इसमें लालू यादव पर भी गलत तरीके से पैसे निकालने का आरोप लगा था.
लालू यादव को इनमें से छह मामलों में सीबीआई द्वारा अभियुक्त बनाया गया था. सीबीआई द्वारा दर्ज इन 66 मामलों में डोरंडा कोषागार का मामला सबसे बड़ा था. जिसमें 139 करोड़ रुपये की गलत तरीके से निकासी करने का आरोप है. इसमें सबसे ज्यादा 170 आरोपी शामिल हैं. जिसमेंसे 55 आरोपियों की मौत हो चुकी है. अदालत ने 27 साल बाद इस साल फरवरी में फैसला सुनाते हुए लालू यादव को दोषी पाया था. कोर्ट ने इस मामले में लालू यादव को 5 साल की सजा सुनाई थी. लालू यादव 7 बार जेल गए.
ये भी पढ़ें-