धनबादः झारखंड में धनबाद के अतिरिक्त जिला और सत्र जज की संदिग्ध हत्या की जांच कर रहे सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (सीबीआई) की टीम ने मंगलवार को मामले के दो आरोपियों का ‘लाई डिटेक्टर टेस्ट’ (झूठ पकड़ने का परीक्षण) व ‘फारेंसिक साइकोलॉजी टेस्ट’ (अपराध मनोविज्ञान परीक्षण) कराया.


जिला और सत्र जज को पीछे से मारी थी टक्कर


धनबाद अदालत के जिला और सत्र जज उत्तम आनंद 28 जुलाई की सुबह रणधीर वर्मा चौक पर काफी चौड़ी सड़क के एक तरफ चहलकदमी कर रहे थे, तभी एक भारी ऑटो रिक्शा उनकी ओर मुड़ा, उन्हें पीछे से टक्कर मारी और मौके से भाग गया. इस बाबत ऑटो चालक लखन वर्मा और उसके सहयोगी राहुल वर्मा को गिरफ्तार किया गया है.


CBI कर रही मामले की जांच


पुलिस सूत्रों ने बताया कि सीबीआई की टीम आज फिर मौका-ए-वारदात पर पहुंची और स्थल की जांच की. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि अब तक की जांच में साजिश के कोई स्पष्ट संकेत नहीं मिले हैं. सीबीआई की ओर से सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में सोमवार को प्रोग्रेस रिपोर्ट दायर की गई थी जिस पर कोर्ट ने असंतोष जताया था.


CBI ने मांगी ब्रेन मैपिंग की अनुमति


इससे पहले सोमवार को धनबाद की अदालत से सीबीआई टीम ने दोनों आरोपियों की ब्रेन मैपिंग और अन्य मनोवैज्ञानिक जांच की अनुमति मांगी थी. दोनों आरोपियों की सहमति पर अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी शिखा अग्रवाल की अदालत ने उनके अधिवक्ता की उपस्थिति में ये परीक्षण कराने की सीबीआई को अनुमति दे दी थी.


इसे भी पढ़ेंः
नवीन पटनायक सरकार का थ्री इन टू वन वाला फ़ैसला, खेल, अस्पताल और ज़िंदगी बचाने वाला फॉर्मूला


Railway Stations Redevelopment: रेलवे ने देश के 49 स्टेशनों के रिडेवलपमेंट का किया एलान | जानें लिस्ट में कौन-कौन शामिल