नई दिल्लीः पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्या मामले में बाबा गुरमीत राम रहीम समेत चार दोषियों को पंचकूला की विशेष सीबीआई कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है. इसके अलावा राम रहीम पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है. 17 साल से इंसाफ की लड़ाई लड़ रहे पत्रकार रामचंद्र के परिवार का इंतजार आज खत्म हो गया. रामचंद्र छत्रपति वही पत्रकार थे, जो राम रहीम का काला सच दुनिया के सामने लाए थे.
इसके अलावा अदालत ने राम रहीम को बड़ा झटका दिया है और आदेश दिया है कि जब वो फिलहाल चल रही बलात्कार की सजा के 20 साल काट लेगा उसके बाद उसकी उम्र कैद की सजा शुरू होगी. यानी राम रहीम जब 70 साल का होगा उसके बाद उसकी उम्र कैद की सजा शुरू होगी.
सजा सुनाए जाने के वक्त जज ने राम रहीम से पूछा कि क्या वो कुछ कहना चाहता है तो इस पर उसने कहा कि जो उसके वकील कहेंगे वही उसका कहना है. लगभग डेढ़ घंटे तक चली कार्यवाही के बाद जज ने फैसला सुरक्षित रख लिया था और अब जाकर ये फैसला आ पाया है. सीबीआई ने राम रहीम को पत्रकार हत्याकांड में फांसी की सजा की मांग की थी.
राम रहीम सहित सभी दोषियों को सजा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये सुनायी गई है. सजा पाने वालों में राम रहीम के अलावा कृष्ण लाल, निर्मल सिंह और कुलदीप सिंह का नाम शामिल है. विशेष सीबीआई अदालत के जज जगदीप सिंह सजा सुनाने की सुनवाई की. 11 जनवरी को सुनाए गए फैसले में राम रहीम और उसका मैनेजर हत्या की साजिश रचने के दोषी पाए गए और डेरा समर्थक निर्मल और कुलदीप गोली मारने के दोषी करार दिए गए थे.
हरियाणा के पंचकुला स्थित सीबीआई की विशेष अदालत ने 11 जनवरी को पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड मामले में अपना फैसला सुनाया था और राम रहीम को दोषी करार दिया था. दो लड़कियों के साथ बलात्कार का दोषी ठहराए जाने के बाद फिलहाल 20 साल की सजा काट रहा डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम रोहतक की सुनारिया जेल में बंद है.
इससे पहले कल अदालत ने इस संबंध में हरियाणा सरकार को बड़ी राहत दी और दोषियों की अदालत में वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये पेशी की अनुमति दे दी. हरियाणा सरकार ने कानून व्यवस्था के चलते इस मामले में अदालत में याचिका दी थी. सजा को देखते हुए पंचकूला में सुरक्षा कड़ी कर दी गई थी.
क्या है पूरा मामला?
पत्रकार हत्याकांड मामला 17 साल पुराना है. रामचंद्र छत्रपति सिरसा में 'पूरा सच' नाम का दैनिक अखबार निकालते थे. रामचंद्र छत्रपति ने 2002 में 'पूरा सच' में डेरा सच्चा सौदा की गलत गतिविधियों पर खबरें लिखी थी. रामचंद्र छत्रपति ने ही दो साध्वियों के साथ हुए रेप की खबर को पत्र के आधार पर अपने अखबार 'पूरा सच' में सबसे पहले छापा था. खबर छपने के बाद गुरमीत सिंह के लोग पत्रकार को आए दिन धमकियां देते थे. धमकियों से बिना डरे रामचंद्र गुरमीत सिंह के खिलाफ खबरें लिखते रहे. 24 अक्टूबर 2002 की रात दो हमलावरों ने पत्रकार छत्रपति को उनके घर के बाहर गोली मार दी.
दिल्ली के अपोलो अस्पताल भर्ती में रामचंद्र की 21 नवंबर 2002 को मौत हो गई. पत्रकार के परिवार ने राम रहीम के खिलाफ मामला दर्ज कराया था. इस हत्याकांड की जांच नवंबर 2003 को सीबीआई के हवाले कर दी गई. 2007 में सीबीआई ने राम रहीम को हत्या की साजिश रचने का आरोपी माना था. 11 जनवरी 2019 को पंचकूला की विशेष अदालत ने राम रहीम समेत अन्य 3 आरोपियों को दोषी करार दिया था.
पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड मामले में राम रहीम दोषी करार
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