नई दिल्लीः दिल्ली के अमृता शेरगिल मार्ग पर 378 करोड़ रुपये का बंगला खरीदने के मामले में सीबीआई ने यस बैंक के पूर्व एमडी राणा कपूर, उनकी पत्नी बिंदू राणा समेत अवंता ग्रुप के निदेशक गौतम थापर समेत अन्य लोगों के खिलाफ अपराधिक धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है. इसमें आपराधिक षंडयत्र समेत अन्य आरोप भी लगाए गए हैं. सीबीआई ने इस मामले में आज मुंबई और दिल्ली में आरोपियों के ठिकानों पर छापेमारी भी की थी.


सीबीआई के मुताबिक इस मामले में आरोप है कि राणा कपूर ने अन्य आरोपियों के साथ मिल कर आपराधिक साजिश रची और दिल्ली के अमृता शेरगिल मार्ग पर 378 करोड़ रुपये का एक बंगला लिया. यह बंगला बिलिसस एडोब प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर था जिसमें राणा कपूर की पत्नी बिंदू कपूर को निदेशक बताया गया है. यह भी आरोप है कि यह बंगला अवैध उगाही के पैसों के जरिए खरीदा गया.


सीबीआई के मुताबिक इस बंगले को खरीदने के फौरन बाद इंडिया बुल्स हाऊसिंग फाइनेंस को 685 करोड़ रुपये के बदले मार्टगेज कर दी गई. आरोप है कि इस बंगले का दाम कीमत से काफी कम दिखाया गया. अंवता ग्रुप जिसके निदेशक गौतम थापर थे उन्होंने इस आपराधिक षडयंत्र में अहम भूमिका निभाई. सीबीआई को शक है कि इस मामले मे अंवता रियल्टी को फायदा पहुंचाया गया और उसे नए लोन भी जारी किए गए और पुराने लोन में भी काफी छूट दी गई. सीबीआई को शक है कि राणा कपूर के इशारे पर यस बैक ने लोन में छूट दी थी और इसके बदले उन्हें रिश्वत के तौर पर बंगला कम रकम में दिया गया.


सीबीआई ने इस मामले में आज राणा कपूर, बिंदू कपूर तथा अन्य आरोपियों के यहां छापेमारी की. सीबीआई का दावा है कि इस मामले में अनेक अहम दस्तावेज मिले हैं जिनकी जांच की जा रही है.


ध्यान रहे कि राणा कपूर को ईडी ने यस बैंक घोटाले मामले मे गिरफ्तार किया था और उऩके खिलाफ अनेक मामले दर्ज हो चुके हैं, इन मामलो में राणा कपूर पर आरोप है कि तमाम नियम कानूनों को ताक पर रख कर उन्होंने ऐसी कंपनियो को हजारो करोड़ों के लोन दिलाए जो लोन की उतनी बडी रकम चुकाने की स्थिति में नहीं थी. इसके चलते बैंक को हजारों करोड़ों का नुकसान हुआ और बैंक डूबने की हालत मे आ गया.