Birbhum Violence: CBI ने बीरभूम हिंसा मामले में दाखिल की चार्जशीट, 10 लोगों की जलाकर कर दी गई थी हत्या
Birbhum Case: सीबीआई का दावा है कि इस दौरान 7 लोगों की पहचान हुई उधर इस मामले में तीन अन्य लोगों ने दम तोड़ दिया था जिससे मरने वालों की संख्या बढ़कर 10 हो गई थी.
Birbhum Violence Case: पश्चिम बंगाल (West Bengal) में चुनाव बाद हुई हिंसा के मामले में बीरभूम जिले (Birbhum District) के बोगतुई गांव के एक घर में 10 लोगों को जलाकर मार देने के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने 16 आरोपियों के खिलाफ सीबीआई की विशेष अदालत (CBI Special Court) में आरोप पत्र पेश किया है. इनमें 7 लोगों की पहचान डीएनए टेस्ट (DNA Test) के जरिए कराई गई थी. सीबीआई ने दो नाबालिगों के खिलाफ भी बाल न्यायालय अदालत में रिपोर्ट पेश की गई है. इस मामले को लेकर पश्चिम बंगाल में काफी हंगामा मचा था.
सीबीआई प्रवक्ता आरसी जोशी के मुताबिक जिन लोगों के खिलाफ आरोपपत्र कोर्ट के सामने पेश किया गया है उनमें आजाद चौधरी, इंताज, मोफिजूल, मोरतेज, राष्टन, रोहन, नाजिर हुसैन, लालन एस के साल, मोहम्मद जहांगीर, तोसीब, अमजद खान आदि शामिल हैं. इसके अलावा दो आरोपियों के खिलाफ भी बाल न्यायालय में रिपोर्ट पेश की गई है. इस मामले की जांच कोलकाता हाईकोर्ट ने सीबीआई को करने के आदेश दिए थे.
ये था पूरा मामला
यह मामला 25 मार्च 2022 को पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के रामपुरहाट थाने में 22 आरोपियों के खिलाफ दर्ज मुकदमे से संबंधित है. इस मामले में आरोप है कि बोगतुई गांव के उपप्रधान की हत्या के बाद दो पक्षों में तनाव हो गया. इसमें एक पक्ष का आरोप था कि दूसरे पक्ष के लोगों ने गांव के उपप्रधान की बम से हत्या कर दी है. इसके बाद मरने वाले पक्ष के लोगों ने दूसरे पक्ष के घरों में तोड़फोड़ की इसके साथ ही उनके घरों में आग लगा दी. इस आगजनी के दौरान 7 लोगों की मौके पर ही जलकर मौत हो गई थी जबकि 4 लोगों को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया. जो लोग घर में जलकर एक साथ मरे उनके शवों की आरंभिक तौर पर शुरुआत में पहचान भी नहीं हो सकी. स्थानीय पुलिस ने इस मामले में कुल 21 लोगों को गिरफ्तार किया था. बाद मे कोलकाता हाईकोर्ट ने यह मामला जांच के लिए सीबीआई को सौंप दिया.
DNA टेस्ट से हुई मरने वालों की शिनाख्त
कोलकाता हाईकोर्ट द्वारा जांच सौंपी जाने के बाद सीबीआई ने इस मामले में केंद्रीय फॉरेंसिक साइंस लैबोरेट्री की टीम के साथ मौके का मुआयना किया साथ ही वहां से फिजिकल और वैज्ञानिक सबूत इकट्ठा किए. जो लोग घर में जलकर मरे थे उनकी बॉडी पूरी तरह से जल चुकी थी और पहचान में नहीं आ रही थी. सीबीआई ने जो बायोलॉजिकल सैंपल मौके से उठाए थे पोस्टमार्टम के दौरान उनके सैंपलों को उनके रिश्तेदारों से मिलाया गया. इसके बाद उनका डीएनए मिलान कराया गया. सीबीआई का दावा है कि इस दौरान 7 लोगों की पहचान हुई उधर इस मामले में तीन अन्य लोगों ने दम तोड़ दिया था जिससे मरने वालों की संख्या बढ़कर 10 हो गई थी.
पुरानी रंजिश के चलते हुई थी वारदात
सीबीआई (CBI) को जांच के दौरान पता चला कि यह वारदात दो गुटों में चल रही पुरानी रंजिश (Old Enmity) के चलते हुई थी. सीबीआई (CBI) ने इस मामले में जांच के दौरान छह आरोपियों को मुंबई से भी गिरफ्तार किया था. जो वारदात करने के बाद भाग तक मुंबई जाकर छुप गए थे. जांच के बाद सीबीआई (CBI) ने इस मामले में अब कुल 16 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र सीबीआई की विशेष अदालत (CBI Special Court) के सामने पेश कर दिया है वहीं दो नाबालिगों के खिलाफ भी रिपोर्ट बाल न्यायालय (Children Court) के सामने पेश की गई है मामले की जांच अभी भी जारी है.
यह भी पढ़ेंः