CBI ने इंडियन किसान फर्टिलाइजर कोआपरेटिव लिमिटेड के प्रबंध निदेशक समेत 10 लोगों के खिलाफ दर्ज किया मुकदमा, जानें क्या है मामला
सीबीआई प्रवक्ता आरसी जोशी के मुताबिक सीबीआई ने यह मुकदमा रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय उर्वरक विभाग से आई सूचना के आधार पर और उसके बाद कुछ गोपनीय सूचनाओं के आधार पर दर्ज किया है.
नई दिल्ली: सीबीआई ने इंडियन किसान फर्टिलाइजर कोआपरेटिव लिमिटेड के प्रबंध निदेशक कम मुख्य कार्यकारी अधिकारी यूएस अवस्थी इंडियन पोटाश लिमिटेड के प्रबंध निदेशक परविंदर सिंह गहलोत समेत 10 लोगों के खिलाफ विभिन्न आपराधिक धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया है. यह मुकदमा विदेश से आ रही खाद में भारी हेराफेरी करने के आरोप में दर्ज किया गया है. सीबीआई ने मुकदमा दर्ज करने के बाद ही आरोपियों के एक दर्जन ठिकानों पर छापेमारी की. छापेमारी के दौरान नगदी और प्रॉपर्टी दस्तावेज समेत अनेक अहम कागजात बरामद हुए हैं.
सीबीआई प्रवक्ता आरसी जोशी के मुताबिक सीबीआई ने यह मुकदमा रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय उर्वरक विभाग से आई सूचना के आधार पर और उसके बाद कुछ गोपनीय सूचनाओं के आधार पर दर्ज किया है. सीबीआई के मुताबिक इफको और इंडियन पोटाश लिमिटेड विदेशों से भारी मात्रा में भारत में किसानों को दी जाने वाली खाद मंगाती है और भारत सरकार द्वारा किसानों को इन खातों पर सब्सिडी भी दी जाती है. इस मामले में आरोप है कि आरोपियों ने एक षड्यंत्र रचा और षड्यंत्र के तहत सरकार को करोड़ों रुपए का चूना लगाया. आरोप है कि षड्यंत्र में इंडियन पोटाश लिमिटेड और इसको के अधिकारियों ने विदेशी कंपनियों समेत अनेक लोगों के साथ मिलकर भारत आने वाली खाद के दामों में बड़े पैमाने पर हेराफेरी की.
यह भी आरोप है कि इस मामले में हेरा फेरी का पैसा इंडियन पोटाश लिमिटेड के प्रबंध निदेशक के बेटे और इफको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के बेटे की कंपनियों में भी गया. सीबीआई प्रवक्ता आरसी जोशी ने बताया कि इस मामले में इफको और इंडियन पोटाश लिमिटेड के इन दो वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा अनेक कंपनियों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया गया है. जिनमें इफको के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के दो बेटों अमोल अवस्थी और अनुपम अवस्थी की कंपनी कैटालिस्ट बिजनेस एसोसिएट प्राइवेट लिमिटेड भी शामिल हैं. इसके अलावा इंडियन पोटाश लिमिटेड के प्रबंध निदेशक के बेटे विवेक गहलोत का नाम भी एफआईआर में शामिल है. सीबीआई के मुताबिक इस मुकदमे की आरंभिक जांच के बाद मामले की एफ आई आर में ज्योति ग्रुप ऑफ कंपनी और रेर अर्थ ग्रुप दुबई का नाम भी शामिल है. साथ ही इस मामले में एक चार्टर्ड अकाउंटेंट का नाम भी शामिल किया गया है.
सीबीआई के मुताबिक इन आरोपियों ने इस पूरे मामले में फर्जी दस्तावेजों के सहारे कमीशन भी लिया और कमीशन लेने के लिए यह लोग फर्जी दस्तावेजों में ऊंचे दामों पर खाद खरीदी हुई दिखाते थे और इस काम में विदेशों में मौजूद कंपनियां भी सहयोग करती थीं. फिलहाल इन लोगों के यहां छापेमारी के दौरान नगदी जेवरात और अनेक एवं दस्तावेज बरामद हुए हैं. वहीं मामले की जांच जारी है.