साल 2012 में मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस में 54 सहायकों की भर्ती में हुई धांधली को लेकर केंद्रीय जांच ब्यूरो ने मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस झांसी के पूर्व चीफ वर्किंग इंजीनियर कर्नल अरव़िद पाराशर समेत चार अधिकारियों के खिलाफ विभिन्न अपराधिक धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है. सीबीआई ने इस मामले में आरोपियों के अनेक ठिकानों पर छापेमारी भी की जहां से अनेक आपत्तिजनक दस्तावेज मिलने का दावा किया गया है.
सीबीआई प्रवक्ता आरसी जोशी के मुताबिक इस भर्ती घोटाले मामले में मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस के तत्कालीन चीफ वर्किंग इंजीनियर कर्नल अरविंद पाराशर, मुख्य वर्किंग अभियंता लेफ्टिनेंट कर्नल आरआर नेगी, लेफ्टिनेंट कर्नल एके सिंह और ग्वालियर में तैनात तत्कालीन गैरिसन इंजीनियर लेफ्टिनेंट कर्नल डीएस रावत को सीबीआई की एफआईआर में नामजद आरोपी बनाया गया है.
अपने चहेतों को भर्ती कराने का आरोप
सीबीआई के मुताबिक मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस झांसी में साल 2012 में 54 सहायकों की भर्ती की गई थी. आरोप है कि तमाम नियम कानूनों को ताक पर रखकर भर्ती की गई. यह भी आरोप है कि इस धांधली के पीछे मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस के कई अधिकारियों को फायदा पहुंचा और उन्होंने अपने चहेतों को भर्ती कराया.
सीबीआई ने इस मामले की आरंभिक जांच की जांच के दौरान धांधली किए जाने के तथ्य पाए जाने पर मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस के अधिकारियों समेत कुल चार अधिकारियों और अज्ञात सरकारी अधिकारियों तथा अन्य के खिलाफ विभिन्न अपराधिक धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया.
मामले में कुछ लोगों की गिरफ्तारी होने की उम्मीद
सीबीआई के मुताबिक मामला दर्ज किए जाने के बाद आरोपियों के महाराष्ट्र स्थित पुणे गुजरात स्थित पोरबंदर एवं दिल्ली स्थित ठिकानों पर छापेमारी की गई. इस छापेमारी के दौरान चल एवं अचल संपत्तियों में किए गए निवेश से संबंधित अनेक दस्तावेज बरामद हुए हैं. बरामद दस्तावेजों की समीक्षा का काम किया जा रहा है. मामले की जांच जारी है जल्द ही इस मामले में कुछ लोगों की गिरफ्तारी भी हो सकती है.
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