CBI Filed Chargesheet: पश्चिम बंगाल (West Bengal) में हुए अवैध कोल घोटाले (Illegal coal scam) मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने 41 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर कर दी है. इसमें कुख्यात कोल माफिया अनूप माझी समेत ईस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड (Eastern Coalfield Limited) के वरिष्ठ अधिकारियों के नाम शामिल हैं. इसके अलावा इस चार्जशीट में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के भतीजे अभिषेक बनर्जी (Abhishek Banerjee) के करीबी माने जाने वाले विकास और विनय मिश्रा (Vinay Mishra) का नाम भी शामिल है. यह आरोप पत्र पश्चिम बंगाल के जिला वर्धमान की विशेष अदालत (Special Court) के सामने दायर किया गया है.


सीबीआई ने इस मामले में 27 नवंबर 2020 को ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के वरिष्ठ अधिकारियों सुरक्षाकर्मियों समेत कोल माफिया और उसके सहयोगियों के खिलाफ अपराधिक धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया था. इस मामले की जांच के तार पश्चिम बंगाल के अनेक नेताओं और नौकरशाहों से भी जुड़े हैं. सीबीआई ने इस मामले की जांच के दौरान अनेक लोगों को गिरफ्तार भी किया. इस मामले का आरोपी विनय मिश्रा इस दौरान देश छोड़कर भाग गया और अभी भी फरार बताया जाता है.


कोल माफिया अनूप मांझी का नाम भी चार्जशीट में
सीबीआई के मुताबिक आज इस मामले में जिन लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया उनमें कुख्यात कोल माफिया अनूप माझी ईस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड सुशांता बनर्जी मुख्य प्रबंधक तन्मय दास तत्कालीन सुरक्षा उप निरीक्षक देवाशीष मुखर्जी तत्कालीन महाप्रबंधक सुभाष कुमार मुखोपाध्याय तत्कालीन मुख्य प्रबंधक सुभाष चंद्र मोइत्रा तत्कालीन सुरक्षा प्रबंधक मुकेश कुमार सुरक्षा उपनिरीक्षक रिंकू बेहरा तत्कालीन महाप्रबंधक अभिजीत मलिक के अलावा पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी के खासम खास माने जाने वाले विकास मिश्रा उसका भाई विनय मिश्रा के अलावा कोल माफिया अनूपमा जी के सहयोगी गुरूपदा माझी जॉयदेव मंडल आदि शामिल है.


कई कंपनियां भी बनी मामले में आरोपी
सीबीआई (CBI) के मुताबिक इस मामले में अनेक कंपनियों को भी आरोपी बनाया गया है जिनके जरिए रकमों (Fund) का लेनदेन (Transiction) हुआ. इस मामले में आरोप है कि कुछ सरकारी कर्मचारियों (Government Employ) तथा ईस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड (Eastern Coldfield Limited) के कुछ अधिकारियों कर्मचारियों ने कोल माफिया (Coal Mafia) के साथ मिलकर आपराधिक षड्यंत्र (criminal conspiracy) रचा. इसके तहत आरोपियों ने ईसीएल के नियंत्रण वाले क्षेत्रों के कोयला भंडार से तथा बिक्री व आपूर्ति हेतु रेलवे साइडिंग में रखे गए कोयला भंडार से अवैध तरीके से गबन (embezzlement) किया. आरोप है कि इस घोटाले का पैसा राजनेताओं तक जाता था जहां से इस घोटाले को पूरा संरक्षण मिल रहा था. मामले की जांच अभी भी जारी है जिसमें कुछ नेताओं तथा अन्य लोगों के खिलाफ जांच चल रही है.


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