Justice SN Shukla Case: रिटायर्ड जस्टिस एसएन शुक्ला के खिलाफ CBI ने दर्ज की FIR, ये है मामला
Justice SN Shukla Assets: रिटायर जस्टिस एसएन शुक्ला पर आरोप है कि उन्होंने इलाहाबाद हाइकोर्ट में अपने 5 साल के कार्यकाल के दौरान आय से अधिक संपत्ति बनाई. उन पर पहले भी भ्रष्टाचार के आरोप लग चुके हैं.
CBI case against Retd. Justice SN Shukla: इलाहाबाद हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस एसएन शुक्ला बड़ी मुसीबतों में फंस चुके हैं. आय से अधिक संपत्ति मामले में वह CBI की कार्रवाई के दायरे में आ गए हैं. एएनआई न्यूज एजेंसी के अनुसार, सीबीआई ने रिटायर्ड जस्टिस एसएन शुक्ला, उनकी पत्नी और उनके रिश्तेदार के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया है.
रिटायर्ड जस्टिस शुक्ला पर हाईकोर्ट के अपने पांच साल के कार्यकाल (2014-19) के दौरान आय से अधिक संपत्ति बनाने का आरोप है. पूर्व जज व उनकी पत्नी सुचित्रा तिवारी पर आय के ज्ञात स्रोत से अधिक कथित रूप से 2.45 करोड़ रुपये की संपत्ति अर्जित करने का आरोप है. जानकारी के मुताबिक, सीबीआई को पूर्व जज की संपत्ति और उनके बैंक खातों की जांच के बाद आय से 165 फीसदी अधिक संपत्ति मिली है.
CBI has registered a case against Justice SN Shukla, Retd Judge of the Allahabad HC and his wife Suchita Tiwari for allegedly amassing assets worth Rs 2.45 crore disproportionate to his known source of income during his tenure as the judge of the HC between 2014-19: CBI pic.twitter.com/DkjeNeaprd
— ANI (@ANI) February 22, 2023
दिल्ली में दर्ज हुआ मुकदमा
आरोप है कि पूर्व जज ने अपनी दूसरी पत्नी सुचिता तिवारी के नाम पर करोड़ों रुपये की प्रॉपर्टी खरीदी है. इसमें फ्लैट और खेती शामिल है. यही नहीं आरोप है कि उन्होंने अपने साले के नाम पर भी लखनऊ के सुशांत गोल्फ सिटी में एक विला खरीदा है. सीबीआई ने अपनी FIR में रिटायर जस्टिस एसएन शुक्ला के साथ उनकी पत्नी सुचिता तिवारी और साले को नामजद किया है. यह मुकदमा दिल्ली में दर्ज किया गया है.
पूर्व जज पर पहले भी लगे आरोप
बता दें कि जस्टिस शुक्ला इलाहाबाद हाईकोर्ट से जुलाई 2020 में रिटायर हुए थे. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पूर्व जज के खिलाफ भ्रष्टाचार का यह दूसरा मामला है. इससे पहले 4 दिसंबर 2019 को इलाहाबाद हाईकोर्ट के तत्कालीन न्यायाधीश एसएन शुक्ला और अन्य के खिलाफ भ्रष्टाचार का केस दर्ज किया था. उन पर लखनऊ स्थित एक मेडिकल कॉलेज के पक्ष में पैसे लेकर आदेश देने का केस दर्ज किया गया था.
महाभियोग से बाल-बाल बचे थे
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट की इन-हाउस जांच में भी न्यायमूर्ति एसएन शुक्ला द्वारा किए गए भष्टाचार का खुलासा हुआ था. भारत के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने 2018 में उनके ऊपर महाभियोग की सिफारिश की थी. हालांकि चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने अपने कार्यकाल में रिटायर जस्टिस शुक्ला के ऊपर महाभियोग नहीं लगाया गया था.