नई दिल्ली/कोलकाता: सीबीआई और कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार के बीच का विवाद सुलझता नजर नहीं दिख रहा है. केंद्र ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल सरकार से कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ विरोध-प्रदर्शन में शामिल होने के लिए वह राजीव कुमार और अन्य के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करे. गृह मंत्रालय ने कहा कि पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव को 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने के लिए एक पत्र लिखा गया है.





गृह मंत्रालय ने सेवा आचरण नियम का हवाला देते हुए कहा कि सेवा में मौजूद सभी सदस्यों को हर समय कर्तव्य के प्रति पूर्ण निष्ठा बनाए रखना चाहिए और ऐसा कुछ नहीं करना चाहिए जो अनुचित हो. नियम के मुताबिक, सेवा में मौजूद किसी भी सदस्य को न ही किसी राजनीतिक पार्टी का सदस्य होना चाहिए और न ही उससे जुड़ा होना चाहिए.


पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने धरना में कोलकाता पुलिस प्रमुख राजीव कुमार के शामिल होने के केंद्रीय गृह मंत्रालय के आरोप को ‘सफेद झूठ’ करार दिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकारी (कुमार) तीन दिन तक चले उनके धरना में कभी भी मंच पर नहीं आए.


ममता ने तीसरे दिन शाम अपना धरना समाप्त करने के बाद कहा, ‘‘केंद्र सरकार क्यों इतनी डरी हुई है? क्या राजीव उनका दु: स्वप्न बन गए हैं. क्या चल रहा है मुझे नहीं मालूम. कुमार कभी धरने में शामिल नहीं हुए. यह सफेद झूठ है.''


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रार ठनी
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी दोनों पक्षों में रार ठनी हुई है, कोर्ट के फैसले के बाद राजीव कुमार ने सीबीआई को पत्र लिखकर कहा कि 8 फरवरी को शिलॉन्ग में पूछताछ में शामिल होने की इच्छा जताई थी. अब सीबीआई के ज्वाइंट डायरेक्टर पंकज श्रीवास्तव ने साफ किया कि पत्र कोई मायने नहीं रखता है, सीबीआई फैसला करेगी कि कब राजीव कुमार से पूछताछ की जाए.


वहीं इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए रोचक टिप्पणी करते हुए कहा था कि शिलॉन्ग जाइए, ये एक ठंडी जगह है, दोनों पक्ष वहां शांत रहेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने राजीव कुमार को सीबीआई के सामने पेश होने के आदेश देते हुए उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाई है. सीबीआई शारदा घोटाले में राजीव कुमार से पूछताछ करना चाहती है.


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आपको बता दें कि 3 फरवरी को शारदा चिटफंड मामले में पूछताछ के लिए राजीव कुमार के आवास पहुंची सीबीआई की टीम को कोलकाता पुलिस ने हिरासत में ले लिया था. जिसके बाद केंद्र और पश्चिम बंगाल सरकार के बीच टकराव की स्थिति पैदा हो गई थी. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तीन दिनों तक धरना किया. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को नीतिक जीत बताते हुए कल धरना खत्म किया.