रोटोमैक घोटला: कोर्ट ने CBI की ट्रांजिट रिमांड की याचिका को दी मंजूरी
सीबीआई की प्राथमिकी के अनुसार सात बैंकों के एक समूह ने रॉटोमैक ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड को 2008 के बाद से 2,919 करोड़ रुपये का कर्ज दिया. यह राशि भुगतान संबंधी बार बार उल्लंघन के कारण ब्याज समेत 3,695 करोड़ रुपये हो गयी.
नई दिल्ली: सीबीआई ने आज रोटोमैक के मालिक विक्रम कोठारी और उसके बेटे राहुल को 3,695 करोड़ रुपये का कर्ज नहीं चुकाने से जुड़े एक मामले में कोर्ट में पेश किया. सीबीआई ने उन्हें लखनऊ ले जाने के लिए ट्रांजिट रिमांड की मांग की थी, जिसे कोर्ट ने मंजूरी दे दी. दोनों अतिरिक्त मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल के सामने पेश किये गए. उन्हें कर्ज अदायगी के कथित उल्लंघन को लेकर कल गिरफ्तार किया गया था.
बचाव पक्ष के वकील प्रमोद कुमार दुबे ने अदालत के क्षेत्राधिकार पर प्रश्न खड़ा किया. उन्होंने कहा कि आरोपी मजिस्ट्रेट अदालत में नहीं बल्कि सत्र अदालत में पेश किये जाएं. अदालत ने आज दिन में बाद के समय के लिए अपना आदेश सुरक्षित रख लिया.
सीबीआई की प्राथमिकी के अनुसार सात बैंकों के एक समूह ने रोटोमैक ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड को 2008 के बाद से 2,919 करोड़ रुपये का कर्ज दिया. यह राशि भुगतान संबंधी बार बार उल्लंघन के कारण ब्याज समेत 3,695 करोड़ रुपये हो गयी.
बैंक ऑफ बड़ोदा की शिकायत पर सीबीआई ने कार्रवाई की है. बैंक ऑफ बड़ोदा ने नीरव मोदी और उसके मामा मेहुल चौकसी की तरह कोठारी के भी विदेश भाग जाने की आशंका से सीबीआई से संपर्क किया था. सीबीआई ने विक्रम, उनकी पत्नी साधना, पुत्र राहुल और अज्ञात बैंक अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था.