CBI Raid In CAPF Vacancy Case: केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय के अधीनस्थ केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) में भर्तियों के लिए जाली प्रमाण पत्र बनाने वाले गिरोह के खिलाफ केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने मैराथन छापेमारी की है. पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना में भारत बांग्लादेश सीमा से सटे इलाकों में बड़े पैमाने पर ऐसे गिरोह सक्रिय हैं जो एक ही पते पर जाली निवास प्रमाण पत्र बनाते रहे हैं.
शनिवार (3 फरवरी) को सीबीआई की टीम ने ऐसे ही 8 जगहों पर एक साथ छापेमारी की है. न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक सीबीआई ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के निर्देश पर पिछले साल अगस्त में इस मामले की जांच संभाली थी.
सशस्त्र बलों में फर्जी प्रमाण पत्रों से कई नियुक्तियों का है आरोप
ऐसे आरोप हैं कि सशस्त्र बलों और सीएपीएफ में फर्जी निवास प्रमाणपत्रों और अन्य जाली दस्तावेजों के जरिए कई अभ्यर्थियों की अवैध भर्ती की गयी है. ऐसे दस्तावेज के जरिए नियुक्त हुए लोगों ने अपना स्थाई निवास पश्चिम बंगाल के सीमावर्ती क्षेत्रों में बनवाया और यहां के लोगों को मिलने वाली अतिरिक्त सुविधाओं का लाभ लेते हुए कम कट-ऑफ मार्क पर नौकरी हासिल कर ली. इस मामले में सीबीआई की ओर से दर्ज प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि कुछ पाकिस्तानी नागरिकों को भी इससे फायदा मिला. हालांकि अभी तक इसकी पुष्टि नहीं हुई है.
हाई कोर्ट के आदेश पर हो रही है जांच
अधिकारियों ने बताया कि शनिवार को गिरोह के सदस्यों के परिसरों पर तलाशी ली गयी जो जाली निवास प्रमाणपत्र बनाने में कथित तौर शामिल हैं. कलकत्ता हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति जय सेनगुप्ता ने सीबीआई की प्रारंभिक जांच के नतीजों पर गौर करने के बाद कहा था कि सशस्त्र बलों में भर्ती में कोई अनियमितता नहीं पायी गयी लेकिन केंद्रीय अर्द्धसैन्य बलों में चार ऐसी नियुक्तियों का पता चला है. कोर्ट के आदेश पर ही सीबीआई इस मामले की जांच कर रही है. शनिवार को केंद्रीय एजेंसी ने जिन ठिकानों पर छापेमारी की थी उनमें से एक जिलाधिकारी
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