Land For Job Scam: सीबीआई ने 24 ठिकानों पर की छापेमारी, लालू यादव-राबड़ी देवी समेत 15 पर FIR, जानिए क्या है पूरा मामला
Lalu Yadav Job Scam: नौकरी के बदले जमीन देने के मामले में लालू यादव, राबड़ी देवी समेत 15 लोगों पर एफआईआर दर्ज है. इसी मामले को लेकर आज सीबीआई ने 24 ठिकानों पर छापेमारी की है.
CBI Raid: सीबीआई ने आज जमीन के बदले रेलवे में नौकरी के नाम पर दर्ज मामले में 24 जगहों पर छापेमारी की. ये छापेमारी बिहार, गुरुग्राम और दिल्ली में की गई. आरोप है कि जिस समय लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री थे उस समय उनके कार्यालय में रेलवे में नियमों को ताक पर रखकर भर्तियां की गई और नौकरी के बदले जमीन ली गई. सीबीआई ने पहले प्रारंभिक जांच की और उसके बाद FIR दर्ज कर ली.
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सीबीआई ने 23 सितंबर 2021 को प्रारंभिक जांच शुरू की थी. सीबीआई की जांच में सामने आया कि रेलवे की भर्ती प्रक्रिया में घोटाला हुआ है. इसके बाद CBI ने 18 मई 2022 को ये FIR दर्ज कर ली. इसमें लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी, मीसा भारती, हेमा यादव समेत अन्य लोगों के नाम हैं. आरोप है कि जब लालू यादव रेल मंत्री थे तो जॉब लगवाने के बदले जमीन और प्लॉट लिए गए थे.
2004 से 2009 के बीच हुई घोटाला
इस मामले में सीबीआई ने लालू यादव के करीबी भोला यादव को गिरफ्तार किया था. साल 2004 से 2009 में जब लालू यादव रेल मंत्री थे तब भोला यादव उनके ओएसडी थे. भोला यादव को जमीन के बदले नौकरी वाले केस में गिरफ्तार किया गया था. सीबीआई ने इसी साल 17 ठिकानों पर छापेमारी की थी. एफआईआर में आरोप है कि जब लालू यादव रेल मिनिस्टर थे उस दौरान कई जोन में नौकरियां दी गई, जिसमें मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, हाजीपुर, दिल्ली, पटना और जयपुर है. इन सभी जगहों पर जमीन के बदले नौकरी बांटी गई. जिन लोगों को नौकरी दी गई उन्होंने अपनी जमीन लालू प्रसाद यादव या राबड़ी देवी या लालू की कंपनी AK infosystems PVT LTD के नाम की. ये सभी नौकरी रेलवे में ग्रुप D की पोस्ट के लिए थी.
इस मामले में सीबीआई के इंस्पेक्टर जयराज कटियार ने अपनी जांच पूरी होने के बाद रिपोर्ट बनाई. रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2004 से 2009 के बीच कई लोगों को अलग अलग जॉन में रेलवे में ग्रुप डी के पद पर लाया गया, जिन्हें बाद में अज्ञात इंडियन रेलवे के अधिकारियों ने रेगुलर कर दिया. इन लोगों ने जमीन के बदले ग्रुप डी की नौकरी पाई थी. अज्ञात रेलवे के अधिकारियों ने भर्ती के लिए गाइडलाइंस का उल्लंघन किया.
जांच में सामने आया कि जो शख्स पटना में रहता है उसे अलग अलग जॉन जैसे जबलपुर, कोलकाता, जयपुर, हाजीपुर, दिल्ली में अपॉइंट किया गया. इसके बदले या तो इन्होंने खुद या इनके परिवार के लोगों ने अपनी जमीन तत्कालीन रेल मंत्री भारत सरकार लालू यादव के नाम या AK infosystems prt limited कंपनी के नाम कर दी.
कैसे ली गई जमीन?
- लेट किशन देव राय ने जो पटना के महुबाग के रहने वाले थे. इन्होंने 3375 स्कॉयर फीट जमीन राबड़ी देवी के नाम 3,75,000 के कन्सिडरेशन पर कर दी और इसके बदले किशन देव के पोतों राजकुमार, मिथलेश और अजय कुमार को मुंबई में ग्रुप डी की पोस्ट पर रखा गया.
- इसी तरह पटना के महुबाग के रहने वाले संजय राय ने 3375 स्कॉयर फीट जमीन का पार्सल राबड़ी देवी के नाम 3,75,000 के सेल कन्सिडरेशन पर किया और इसके बदले संजय राय, धर्मेंद्र और विकास को मुंबई में रेलवे में नौकरी मिली.
- इसी तरह किरणदेवी, जो बिन्दोल गांव थाना बिहता पटना की रहने वाली हैं, इन्होंने 1 एकड़ 85(3/4) तकरीबन 80905 स्कॉयर फीट जमीन लालू यादव की बेटी मीसा भारती के नाम 3,70,000 के सेल कन्सिडरेशन पर ट्रांसफर की. इसके बदले इनके बेटे अभिषेक कुमार को 2008 में मुंबई में रेलवे में ग्रुप डी की नौकरी मिली.
सर्कल रेट से कम दामों पर खरीदी जमीन
जांच के हिसाब से कुल 7 प्रोपर्टी सेल डीड और गिफ्ट डीड के तौर पर लालू यादव और उनके परिवार ने तकरीबन 1,05,292 स्कॉयर फीट एकॉयर कर रखी है. जमीन की पेमेंट कैश में दिखाई गई थी. आज के समय मे जमीन की कीमत 4,39,80,650 है. जांच में यह भी सामने आया कि सर्कल रेट से बेहद कम दामों में ये जमीनें लालू यादव और उनके रिश्तेदारों ने खरीदी. एक और अहम बात. इन सभी जोन में किसी नौकरी के लिए कोई पब्लिक नोटिस नहीं निकाला गया था.
लालू यादव, राबड़ी देवी, मीसा भारती, हिमा यादव और बाकी आरोपी जिन्होंने जमीन के बदले नौकरी ली उनके खिलाफ आईपीसी 120बी, प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट 11,12 (1988), 13(2) 13(1) (d) प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट 1988 दर्ज किया गया. अब इस केस की जांच एफआईआर 18 मई 2022 को दर्ज करने के बाद आईओ रूपेश कुमार श्रीवास्तव एसपी संदीप कुमार शर्मा की देखरेख में कर रहे हैं. इसी सिलसिले में आज 24 ठिकानों पर सीबीआई की छापेमारी जारी है.
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