नई दिल्लीः केंद्रीय जांच ब्यूरो ने बैंक ऑफ इंडिया, मुंबई को लगभग 60 करोड़ रुपए का चूना लगाने के आरोप में मुंबई की दो निजी फर्मों के निदेशकों और अज्ञात लोक सेवकों सहित निजी कंपनियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. सीबीआई ने इस बाबत आज मुंबई में पांच विभिन्न स्थानों पर छापेमारी भी की जहां से अनेक महत्वपूर्ण दस्तावेज मिलने का दावा किया गया है.


सीबीआई के मुताबिक जिन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है उनमें एवियान ओवरसीज प्राइवेट लिमिटेड जिसे अब बागला ओवरसीज प्राइवेट लिमिटेड के नाम से जाना जाता है के बीजे होटल्स गोवा प्राइवेट लिमिटेड बागला ओवरसीज लिमिटेड के प्रबंध निदेशक मोहित कंबोज तथा निजी कंपनियों के निदेशकों जितेंद्र गुलशन कपूर सिद्धांत बागला तथा इरितेश मिश्रा शामिल हैं.


सीबीआई के मुताबिक मुंबई स्थित निजी कंपनियां सोने, चांदी और हीरे जवाहरात का धंधा करती हैं. इन कंपनियों का व्यापार दुबई हांगकांग में भी फैला बताया जाता है. आरोप के मुताबिक साल 2013 से साल 2018 के बीच इन कंपनियों ने अज्ञात लोक सेवकों के साथ मिलकर साजिश रची और उसके तहत बैंक ऑफ इंडिया मिड कॉरपोरेट ब्रांच फोर्ट मुंबई शाखा से अपना लेटर ऑफ क्रेडिट तथा अन्य सुविधाएं ली जिनके अंतर्गत बैंक ने इन्हें 60 करोड़ रुपए तक की धनराशि तक छूट प्रदान कर दी.


आरोप है कि इन कंपनियों ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर यह पैसा इधर-उधर डाइवर्ट कर दिया है जिसके चलते बैंक को लगभग 60 करोड़ रुपए का चूना लगा. यह भी आरोप है कि इस मामले में जिन गारंटरों ने निजी कंपनियों की गारंटी ली थी उनकी भूमिका भी संदिग्ध रही.


बैंक ऑफ इंडिया मुंबई ब्रांच की शिकायत के आधार पर सीबीआई ने इस मामले में विभिन्न आपराधिक धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया. सीबीआई के मुताबिक आज इस मामले में मुंबई में आरोपियों के घर और अधिकारिक ठिकानों पर कुल पांच जगह छापे मारे गए. इस छापेमारी के दौरान अनेक महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद हुए हैं जिनमें प्रॉपर्टी, लोन, विभिन्न बैंक अकाउंट, विभिन्न बैंकों में मौजूद लॉकरों की चाबियां आदि शामिल है फिलहाल मामले की जांच जारी है.


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