Bank Loan Fraud:  ग्रेटर नोएडा में फ्लैटों का निर्माण करने के बदले लिए गए लोन के मामले में बैंकों के समूह को 230 करोड़ रुपए का चूना लगाने के आरोप में केंद्रीय जांच ब्यूरो ने आम्रपाली लेजर वैली डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी और उसके निदेशकों समेत अनेक लोगों के खिलाफ आपराधिक धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर दिल्ली नोएडा और गाजियाबाद में छापेमारी की. छापेमारी के दौरान अनेक आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद होने का दावा किया गया है.


सीबीआई प्रवक्ता आर सी जोशी के मुताबिक जिन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है उनमें अम्रपाली लेजर वैली डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी उसके निदेशक अनिल कुमार शर्मा तथा अन्य निदेशक गारंटर शिवप्रिया सुरेश चंद्र कुमार पंकज मेहता अतुल मित्तल आशीष जैन गगनदीप सिंह तथा अज्ञात सरकारी और निजी लोग शामिल हैं. सीबीआई के मुताबिक इस मामले में बैंकों के समूह द्वारा सीबीआई की बैंक फ्रॉड शाखा को शिकायत की गई थी.


फ्लैट बनाने के लिए लिया था 230 करोड़ रुपये का लोन


बैंक द्वारा दी गई शिकायत में कहा गया था कि इस कंपनी ने ग्रेटर नोएडा में फ्लैटों का निर्माण करने के बदले बैंकों से 230 करोड़ रुपए का लोन लिया था. लोन का पूरा पैसा इस कंपनी को दे दिया गया. इस पैसे के बदले स्पष्ट रूप से यह कहा गया था कि केवल फ्लैटों के निर्माण का कार्य ही होगा. आरोप है कि लोन लिए जाने के बावजूद इन फ्लैटों के निर्माण का कार्य पूरा नहीं हुआ और इसके साथ ही इस कंपनी ने बैंक की लोन किस्त चुकानी भी बंद कर दी और धीरे-धीरे यह खाता डिफॉल्टर होता चला गया.


अवैध तरीके से दूसरे काम किए


बैंक के मुताबिक 31 मार्च 2017 को कंपनी का खाता एनपीए हो गया. बैंक को आरंभिक तौर पर यह जानकारी भी मिली थी जो पैसा फ्लैटों के निर्माण के लिए लिया गया था उस पैसे को अन्य कार्यों में लगा दिया गया. साथ ही अवैध तरीके से अन्य जगहों पर भेजा गया. इस मामले में विभिन्न आपराधिक धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज करने के बाद आज नई दिल्ली नोएडा और गाजियाबाद के विभिन्न ठिकानों पर छापेमारी की मामले की जांच जारी है.


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