नई दिल्ली: केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने आईडीबीआई बैंक के नेतृत्व में 7 बैंकों के कंसोर्टियम की शिकायत पर बुलंदशहर (उत्तर प्रदेश) स्थित निजी कंपनी और उसके निदेशक और अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ एक मामला दर्ज किया है. साथ ही दिल्ली और उत्तर प्रदेश में छापेमारी की है, इस दौरान अनेक अहम दस्तावेज मिलने का दावा किया गया है.


सीबीआई प्रवक्ता आरके गौड़ के मुताबिक बुलंदशहर स्थित संतोष ओवरसीज कंपनी और उसके निदेशक सुनील मित्तल ने अज्ञात अधिकारियों के साथ मिलकर षड्यंत्र रचा और इसके तहत आईडीबीआई बैंक के नेतृत्व में 7 बैंकों के समूह से 424 करोड़ रुपए से ज्यादा का लोन लिया. इसके तहत इन बैंकों ने बुलंदशहर की इस कंपनी को बैंकिंग क्रेडिट का लाभ दिया था.


आरोप है कि कंपनी ने अपने अन्य चालू बैंक खाते से दूसरे बैंकों में भी खुलवाए हुए थे और इन 7 बैंकों की जानकारी मे लाए बिना ही कंपनी ने सामानों की खरीद फरोख्त की और ऐसी कंपनियों को पेमेंट किया जिनके पास टिन नंबर तक नहीं थे.


यानी जिन कंपनियों के पास सामान खरीदने बेचने का अधिकारिक पंजीकरण भी नहीं था ऐसी कंपनियों से खरीद फरोख्त दिखाई गई इसके चलते इन बैंकों को 424 करोड़ रुपए से ज्यादा का चूना लगा.


बैंक की शिकायत के आधार पर सीबीआई ने आज मुकदमा दर्ज कर आरोपी कंपनी और उसके निदेशकों के दिल्ली औप यूपी स्थित ठिकानों पर छापेमारी की. सीबीआई का दावा है कि इस छापेमारी के दौरान अनेक महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद किए गए हैं जिनकी जांच का काम जारी है.


ध्यान रहे कि पिछले 2 महीने के दौरान सीबीआई ने बैंकों को सैकड़ों करोड़ों रुपयों का चूना लगाने के आरोप में अनेक कंपनियों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई की है.