इलेक्ट्रानिक उपकरणों के जरिए धोखाधड़ी करने वाली छह बडी कंपनियों पर छापेमारी के दौरान सीबीआई को 190 करोड रुपये की एफडी, 25 लाख रुपये नगदी और 55 लाख रुपये मूल्य का सोना बरामद हुआ है. सीबीआई ने ये छापेमारी दिल्ली जयपुर, नोएडा, गुरूगांव आदि जगहों पर की थी. छापेमारी के दौरान अनेक अहम डिजीटल एवं अहम दस्तावेज मिलने का भी दावा किया गया है. इस धोखाधडी का शिकार अमेरिकी नागरिक भी हुए.
सीबीआई प्रवक्ता आर के गौड के मुताबिक, पॉप अप संदेशों के माध्यम से धोखाधडी करने के आरोप मे सीबीआई ने छह कंपनियो के खिलाफ विभिन्न आपराधिक धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया था. इन कंपनियों में साफ्टविल इन्फोटेक प्राइवेट लिमिटेड, इनोवाना थिंकलैब लिमिटेड, बैनोवैलियेंट टैक्नोलाजी, सिस्टवीक साफ्टवेयर, साबुरी टीएलसी वल्डवाइड और साबुरी ग्लोबल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के नाम शामिल थे. आरोप है कि ये कंपनिया पॉप अप संदेशो के माध्यम से लोगो को संदेश भेजते थे. ये संदेश आम लोगों को किसी जानी मानी कंपनी से सुरक्षा अलर्ट के तौर पर आए संदेश के नाम पर दिखाई देते थे.
आरोप है कि जैसे ही पीडित शख्स इस संदेश को खोलता था तो यह संदेश बताता था कि उपभोक्ता का कम्पयूटर एक वायरस से संक्रमित है और यह साबित करने के लिए उपभोक्ता के कमप्यूटर पर एक स्कैन चलाया जाता था जहा एक वायरस और मैलवेयर की झूठी पुष्ठि की जाती थी इसके बाद पीडित को एक टोल फ्री नंबर आता था जहां संपर्क करने पर काल इन आरोपियो के काल सेंटर मे आ जाती थी और तब ये कंपनियां पीडित के कंम्पयूटर का रिमोट एक्सेस कर लेती थी, फिर बदले मे उनसे सारा कामधाम ठीक करने के बदले सैकडों डालरो का पेमेंट लिया जाता था.
सीबीआई ने इस मामले मे अपने सहयोगी विदेशी सरकारी संस्थाओं के साथ भी सहयोग कर रही है क्योंकि इस घोटाले के तार विदेश मे भी फैले हुए है औऱ आरोप के मुताबिक इस धोखाधड़ी के तहत अमेरिकी नागरिकों को भी बडे़ पैमाने पर निशाना बनाया गया था. सीबीआई छापे के दौरान बरामद दस्तावेजो की जांच कर रही है औऱ जल्द ही इस मामले मे गिरफ्तारियो का सिलसिला भी शुरू हो सकता है.