नई दिल्ली: पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदबंरम समेत आईएनएक्स मीडिया के पूर्व कर्ता-धर्ता पीटर मुखर्जी और इंद्राणी मुखर्जी के खिलाफ सीबीआई ने आपराधिक साजिश और धोखाधडी के तहत मुकदमा दर्ज कर दिल्ली चेन्नई मुंबई और गुरुग्राम में छापेमारी की. आरोप है कि कार्ति चिदबंरम ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर इस कंपनी को फायदा पहुंचवाया और करोडो रुपये की रिश्वत ली.


आज सीबीआई ने कार्ति चिदंबरम समेत आइएनएक्स मीडिया के पूर्व कर्ता धर्ता पीटर मुखर्जी और इंद्राणी मुखर्जी के खिलाफ आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी का केस दर्ज कर दिल्ली, चेन्नई, मुंबई और गुरुग्राम में छापेमारी की. आरोप है कि कार्ति चिदबंरम ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर एक प्राइवेट कंपनी को तीन सौ करोड रुपये का फायदा पहुचवाया. आरोप है कि फायदा पहुंचवाने के बदले में कार्ति से जुडी कंपनियो को करोडो रुपये दिए गए.

सीबीआई की एफआईआर में कहा गया है कि आईएनएक्स मीडिया कंपनी साल 2006 में बनी थी औऱ इस कंपनी के कर्ता धर्ता पीटर मुखर्जी और इंद्राणी मुखर्जी थे, ये वही मुखर्जी है जो अपनी बेटी शीना मुखर्जी की हत्या के आरोप में जेल में है.

एफआईआर के मुताबिक इस कंपनी ने वित्त मंत्रालय के अधीन आने वाले फारेन इन्वेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड से मारीशस की तीन कंपनियो को अपनी कंपनी के 46 प्रतिशत से ज्यादा शेयर दस रूपये के प्रति शेयर देने की अनुमति मांगी. एफआईआऱ में कहा गया है कि एफआईपीबी बोर्ड ने कंपनी को कुल 4करोड 62 लाख रुपये एफडीआई के तौर पर लेने की अनुमति दी. इस आदेश पर तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम की भी सहमति थी.

आरोप है कि आईएऩएक्स मीडिया ने चार करोड की जगह तीन सौ पांच करोड रुपये की एफडीआई ली और अपने दस रुपये के शेयर आठ सौ रुपये से ज्यादा की दर पर विदेशी कंपनी को दिए लेकिन कंपनी की ये चालबाजी आयकर विभाग ने पकड ली और वित्त मंत्रालय से जवाब मांगा एफआईआर कहती है कि इस मुसीबत से बचने के लिए कंपनी ने पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदबंरम से मदद मांगी.

एफआईआर के मुताबिक कार्ति चिदबंरम की सलाह के आधार पर आईएऩएक्स मीडिया ने वित्त मंत्रालय को जवाब दिया कि उसने सबकुछ ठीक किया है. आरोप है कि कार्ति के प्रभाव में एफआईपीबी बोर्ड ने कंपनी के घोटाले को नजरअंदाज तो किया ही साथ ही अपने अधिकारिक पद का दुरूपयोग करते हुए कंपनी से कहा कि वो एक नयी एप्रूव्ल एप्लीकेशन दे दे औऱ बाद में कंपनी को इसकी परमीशन भी मिल गयी.

सीबीआई के मुताबिक वित्त मंत्रालय के कुछ अधिकारियों ने इस पूरे मामले मे आपराधिक षडयंत्र किया औऱ आयकर विभाग की जांच शाखा को भी गलत जानकारी देकर मामले की जांच रुकवा दी. आयकर विभाग की छापेमारी को लेकर पी चिदंबरम ने कहा है कि केंद्र सरकार सीबीआई दूसरी एजेंसियों के जरिए मेरे बेटे पर निशाना साध रही है.

सरकार मेरी आवाज को दबाना चाहती है, सरकार चाहती है कि मैं लेख नॉ लिखूं. दूसरे विरोधी नेताओं, पत्रकारों, कॉलम लिखने वालों के साथ भी वो ऐसी कोशिश कर चुकी है. लेकिन मैं खामोश नहीं रहूंगा और न ही लेख लिखना बंद करूंगा.

वहीं केंद्रीय बिजली मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि बीजेपी किसी के खिलाफ बदले की भावना से कोई कार्रवाई नहीं करती है. सीबीआई की जांच की ये आंच पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम तक भी पहुंच सकती है क्योकि कंपनी को दिए जाने वाले दोनों आदेशों के समय चिदंबरम ही वित्त मंत्री थे और सीबीआई का कहना है कि कोई कार्ति को घूस क्यों देगा और वित्त मंत्रालय के अधिकारी कार्ति का आदेश क्यों मानेंगे?