नई दिल्ली: भारतीय बैंकों में निजी कंपनियों द्वारा धोखाधड़ी की घटनाएं लगातार जारी है. आज भी सीबीआई ने ऐसे ही एक मामले में एक निजी कंपनी के खिलाफ लगभग 400 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी करने के मामले में मुकदमा दर्ज कर छापेमारी की. एक सप्ताह के दौरान बैंकों से धोखाधड़ी के मामले में सीबीआई का तीसरा मुकदमा था.


केंद्रीय जांच ब्यूरो ने भारतीय स्टेट बैंक की शिकायत के आधार पर दिल्ली की एक निजी कंपनी उसके निदेशकों कंपनी के गारंटर समेत अज्ञात नौकरशाहों के खिलाफ विभिन्न आपराधिक धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया है. इस मामले में कंपनी पर आपराधिक षड्यंत्र के जरिए बैंक को लगभग 400 करोड़ रुपए का चूना लगाने का आरोप लगाया गया है. सीबीआई ने मुकदमा दर्ज करने के बाद कंपनी के अनेक महत्वपूर्ण दस्तावेजों की बरामसी का दावा किया गया है.


सीबीआई के मुताबिक भारतीय स्टेट बैंक की शिकायत के आधार पर जगत एग्रो कमोडिटीज प्राइवेट लिमिटेड, संत लाल अग्रवाल और श्रीमती सुधा पावा समेत अनेक लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. इस मामले में भारतीय स्टेट बैंक द्वारा सीबीआई को दी शिकायत में कहा था कि इस कंपनी ने भारतीय स्टेट बैंक की अगुवाई वाले समूह जिसमें साथ पंजाब नेशनल बैंक भी शामिल था उसे 398.35  करोड़ रुपए का चूना लगाया.


आरोप के मुताबिक इस कंपनी की शाखाएं दिल्ली के अलावा सोनीपत तथा अन्य जगहों पर भी हैं. इस कंपनी और उसके निवेशकों तथा गारंटरों ने तत्कालीन स्टेट बैंक ऑफ पटियाला जिसका विलय अब भारतीय स्टेट बैंक में हो गया है, उससे और पंजाब नेशनल बैंक से बड़ी-बड़ी क्रेडिट लिमिट हासिल की और बदले में बैंक को बताया कि वे लोग इस पैसे का उपयोग बैंक को बताए गए धंधे में कर रहे हैं.


जबकि सच्चाई कहीं उस से उलट थी. आरोप के मुताबिक लोगों ने क्रेडिट सुविधा प्राप्त करने के लिए बैंक के साथ धोखाधड़ी की और यह आरोप भी है कि बैंक के सामने नकली दस्तावेज भी पेश किए गए जिसके आधार पर बैंकों से उच्च क्रेडिट सुविधा हासिल की गई. बाद में बैंक से ली गई रकम को अन्य जगहों पर ट्रांसफर कर दिया गया या अन्य कामों में लगाया गया. इससे इन बैंकों को लगभग 400 करोड़ का नुकसान हुआ.


सीबीआई ने शिकायत के आधार पर आज कंपनी के परिसर तथा अन्य निवेशकों के आवासीय परिसरों की तलाशी ली जहां से सीबीआई का दावा है कि उस मुकदमे से संबंधित दस्तावेज बरामद हुए हैं. मामले की जांच जारी है. ध्यान रहे कि पिछले एक सप्ताह के दौरान सीबीआई द्वारा बैंक धोखाधड़ी में दर्ज किया गया है यह तीसरा मुकदमा है.