सुपारी तस्करी करने और सीमा शुल्क कर चोरी करने के आरोप में सीबीआई ने आज मुंबई अहमदाबाद और नागपुर में 19 ठिकानों पर छापेमारी की. इस दौरान अनेक अहम दस्तावेज बरामद हुए हैं. यह मामला लगभग 15000 करोड़ रुपए के घोटाले से जुड़ा बताया गया है.
सीबीआई प्रवक्ता आरसी जोशी के मुताबिक मुंबई हाई कोर्ट के क्षेत्राधिकार वाली नागपुर बेंच ने 25 फरवरी 2021 को एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सीबीआई को इस मामले में जांच करने के आदेश दिए थे. इस मामले में आरोप था कि कुछ निजी व्यक्तियों कंपनियों के द्वारा सीमा शुल्क विभाग और केंद्रीय उत्पाद शुल्क विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों की मिलीभगत से हानिकारक सुपारी की तस्करी अवैध आयात किया जा रहा है.
अनेक देशों को माल सप्लाई किया जा रहा था
यह भी आरोप था की इस तस्करी के चलते सरकार को 113% तक मिलने वाले कर में भारी नुकसान हुआ है क्योंकि अधिकारियों कर्मचारियों की मिली भगत से यह कंपनियां बड़ी तादाद में सुपारी आयात कर रही हैं. साथ ही अनेक देशों को यह माल सप्लाई किया जा रहा था.
यह भी आरोप है कि बेईमान व्यापारियों ने लोक सेवकों के साथ मिली भगत में विदेशी मूल की दोयम दर्जे की सुपारी/हानिकारक सुपारी जिसको मूल उत्पत्ति का जाली प्रमाण पत्र, नकली और कम मूल्य के बिलों/इंवॉइसेस व जाली अनापत्ति प्रमाण के आधार पर उक्त वस्तुओं को सार्क सदस्य देशों से उत्पन्न होने का दावा कर तस्करी में संलिप्त थे.
छापेमारी के दौरान आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए
सीबीआई ने हाई कोर्ट बेंच के आदेश पर 5 मार्च 2021 को इस मामले में विभिन्न अपराधिक धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया था. सीबीआई प्रवक्ता के मुताबिक आज इस मामले में आयात फर्मों के मालिकों साझेदारों कस्टम हाउस एजेंट सहित निजी व्यक्तियों और अन्य लोगों के नागपुर मुंबई और अहमदाबाद स्थित 19 ठिकानों पर छापेमारी की गई. इस तलाशी के दौरान आपत्तिजनक दस्तावेज डिजिटल डिवाइसेज और अन्य महत्वपूर्ण सामान बरामद हुआ है.
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