CBI ने रिश्वत लेकर निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाने वाले अधिकारियों के ठिकानों पर की छापेमारी, जानें क्या है पूरा मामला
CBI Action against Corruption: आरोप है कि गैर स्टोर वस्तुओं को उच्च लागत पर खरीदने के लिए इन अधिकारियों ने निजी आपूर्तिकर्ताओं कंपनियों के साथ साजिश की और उनसे कथित तौर पर रिश्वत ली.
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CBI Raid: गैर स्टोर वस्तुओं को उच्च लागत पर खरीदने के लिए कुछ निजी कंपनियों से सांठगांठ कर उन्हें फायदा पहुंचाने के आरोप में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने केंद्रीय रेलवे की सीनियर डिविजनल इलेक्ट्रिकल इंजीनियर समेत रेलवे के अनेक इंजीनियर और अन्य लोगों पर छापेमारी की है. आरोप है कि इस आपराधिक साजिश के जरिए निजी कंपनियों को करोड़ों रुपये से ज्यादा का फायदा पहुंचाने की कोशिश की गई.
सीबीआई प्रवक्ता आरसी जोशी के मुताबिक जिन रेलवे अधिकारियों पर छापेमारी की गई, उनमें केंद्रीय रेलवे के कुर्ला महाराष्ट्र में तैनात तत्कालीन वरिष्ठ मंडल विद्युत अभियंता वेद प्रकाश, तत्कालीन सहायक डिविजनल इंजीनियर विद्युत विजय कुमार, वरिष्ठ मटेरियल प्रबंधक विद्या विहार सेंट्रल रेलवे में तैनात सुरेश विट्ठल, वरिष्ठ सेक्शन इंजीनियर जी बारिया और डीडी सोर्टे मुख्य कार्यालय अधीक्षक केंद्रीय रेलवे विद्या विहार में तैनात श्रीमती अंजलि गुप्ता व एच एस गोम्स के अलावा कुर्ला में तैनात डिविजनल इलेक्ट्रिकल इंजीनियर अरुण प्रताप श्री राम व अन्य लोग शामिल हैं.
आरोप है कि गैर स्टोर वस्तुओं को उच्च लागत पर खरीदने के लिए इन अधिकारियों ने निजी आपूर्तिकर्ताओं कंपनियों के साथ साजिश की और उन्हें यह ठेका दिलाने के बदले कथित तौर पर रिश्वत ली. इस साजिश के तहत जिस सरकारी पोर्टल से सामान खरीदा जाना था उस पर वस्तुओं को इस तरह से अस्पष्ट विवरण दिया गया जिससे वह सामान्य कंपनियां ना समझ सके. यह विवरण केवल वही कंपनियां समझ सकती थी, जो इन अधिकारियों के साथ इस साजिश में शामिल थीं.
आरोप है की जब दूसरी आपूर्तिकर्ता कंपनियां इस विवरण को समझ ही नहीं सकीं, तो इस मामले में बहुत ही सीमित तौर पर वस्तुएं देने के लिए निविदाएं प्राप्त हुई. आरोप के मुताबिक इसके बाद रेलवे अधिकारियों की मिलीभगत से अपनी पसंदीदा कंपनियों को बाजार मूल्य से ज्यादा दरों पर सामान बेचे जाने के ठेके दिए गए. यह खरीदारी लगभग 22 करोड़ रुपये से ज्यादा थी. सूचना के आधार पर सीबीआई ने इस मामले में विभिन्न आपराधिक धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया और एक दर्जन से ज्यादा जगहों पर छापेमारी की. इस छापेमारी के दौरान अनेक आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए. मामले की जांच जारी है.
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