नई दिल्लीः सीबीआई ने बाल यौन शोषण से संबंधित आपत्तिजनक सामग्री रूसी डोमेन की वेबसाइटों को देने के आरोप में पश्चिम दिल्ली की एक निजी कंपनी और अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर छापेमारी की. आरोप है कि इस आपत्तिजनक सामग्री के बदले बिटकॉइन के जरिए पेमेंट की जाती थी.
सीबीआई के प्रवक्ता आरके गौड़ ने बताया कि सीबीआई को अपने सूत्रों के हवाले से खबर मिली थी कि पश्चिम दिल्ली की एक निजी कंपनी के जरिए रूसी डोमेन की वेबसाइटों पर बाल यौन शोषण से संबंधित आपत्तिजनक सामग्री दी जा रही है.
सीबीआई प्रवक्ता ने कहा, ''यह भी पता चला कि आपत्तिजनक सामग्री पहले नीदरलैंड और फिर रूसी वेबसाइट पोस्टों पर दी जाती थी. सूचना के आधार पर सीबीआई ने मामले की आरंभिक जांच की और मामले में तथ्य पाए जाने पर सीबीआई ने नियमित मुकदमा दर्ज कर पश्चिम दिल्ली की उक्त फर्म के निदेशकों के कार्यालय और घरों पर छापेमारी की.''
सीबीआई प्रवक्ता आरके गौड़ के मुताबिक इस मामले में कंपनी के निदेशकों समेत अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. साथ ही छापेमारी के दौरान अनेक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और आपत्तिजनक दस्तावेज भी बरामद हुए हैं.
सीबीआई के एक अधिकारी ने बताया कि इस मामले की अब तक की जांच के दौरान पता चला है कि इस कंपनी को आपत्तिजनक पोस्ट के बदले अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कहीं जाने वाली बिटकॉइन के जरिए पेमेंट की जाती थी. सीबीआई इस मामले में भी अलग से जांच कर रही है कि इस कंपनी को बिटकॉइन के जरिए कितनी मुद्रा कहां से मिली और इसका सूत्रधार कौन था?
ध्यान रहे कि सीबीआई ने ऑनलाइन बाल यौन शोषण और शोषण से संबंधित मामलों के लिए सीबीआई मुख्यालय नई दिल्ली में एक विशेष इकाई की स्थापना की है और यह स्पेशल यूनिट ऑनलाइन बाल यौन शोषण और शोषण से संबंधित विभिन्न मुकदमों की जांच भी कर रही है. सीबीआई के मुताबिक इस तरह के अनेकों मामले आने के बाद सीबीआई ने फैसला लिया था कि ऐसे अपराधों के लिए एक अलग यूनिट बनाकर ऐसे मामलों की जांच की जाए.
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