CBI कर रही वसूली मामले की जांच, परमबीर सिंह-सचिन वाजे समेत चार लोगों का स्टेटमेंट किया रिकॉर्ड
सीबीआई के सूत्रों ने बताया कि इसी दौरान सीबीआई की टीम ने, इस मामले में जितने लोगों के नाम सामने आए थे, उनके स्टेटमेंट रिकॉर्ड करना शुरू कर दिया. बताया जाता है कि कल के दिन सीबीआई ने मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह और याचिकाकर्ता एडवोकेट डॉक्टर जयश्री पाटिल का स्टेटमेंट रिकॉर्ड किया.
मुंबई: मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह की शिकायत और फिर एडवोकेट जयश्री पाटिल की फाइल की गई याचिका के बाद बॉम्बे हाईकोर्ट ने मुंबई में चल रहे कथित वसूली मामले के जांच के आदेश दिए थे. सीबीआई सूत्रों की मानें तो आदेश मिलने के बाद 6 अप्रैल को सीबीआई की एक विशेष टीम मुंबई आई और जांच में जुट गई. इसी जांच के दौरान 7 अप्रैल को सीबीआई ने एनआईए कोर्ट में एप्लिकेशन दाखिल कर एंटीलिया कांड और मनसुख हिरेन हत्या मामले में गिरफ्तार सचिन वाजे से पूछताछ की इजाजत मांगी थी और कोर्ट ने मंजूरी भी दी थी.
सीबीआई के सूत्रों ने बताया कि इसी दौरान सीबीआई की टीम ने, इस मामले में जितने लोगों के नाम सामने आए थे, उनके स्टेटमेंट रिकॉर्ड करना शुरू कर दिया. बताया जाता है कि कल के दिन सीबीआई ने मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह और याचिकाकर्ता एडवोकेट डॉक्टर जयश्री पाटिल का स्टेटमेंट रिकॉर्ड किया.
बता दें कि परमबीर ने अपने पत्र में सोशल सर्विस ब्रांच के एसीपी संजय पाटिल का भी नाम लिखा था कि उन्हें भी महाराष्ट्र के गृहमंत्री ने पैसे इकट्ठा करने को कहा था और इस संबंध में सिंह ने अपने पत्र में लिखा था. जिसके बाद सीबीआई ने एसीपी संजय पाटिल का भी बयान दर्ज किया है. इसी सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए सीबीआई की एक टीम एनआईए के कार्यालय आई थी, जहां पर सचिन वाजे का भी स्टेटमेंट रिकॉर्ड किया गया.
क्या था मामला?
परमबीर सिंह के मुंबई पुलिस कमिश्नर पद से ट्रांसफर होने के बाद उन्होंने एक पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख सचिन वाजे और संजय पाटिल को मुंबई के बार और रेस्टोरेंट वालों से वसूली करने को कह रहे हैं. उस पत्र में उन्होंने संजय पाटिल के साथ किया हुआ उनका चैट भी जोड़ा था.
इसके बाद वो सुप्रीम कोर्ट गए, उसी बीच एडवोकेट डॉक्टर जयश्री पाटिल ने इस बात की शिकायत मुंबई के मलबार हिल पुलिस स्टेशन में की और एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच की मांग की. इसके बाद वो बॉम्बे हाईकोर्ट चली गई और उनके साथ कई अन्य वकीलों ने भी याचिका दायर की थी. जिसके बाद कोर्ट ने आदेश देते हुए सीबीआई को 15 दिनों के भीतर प्राथमिक जांच करने को कहा था.
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