Fake Call Center: दिल्ली में फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़, CBI ने 3 करोड़ रुपये बरामद किए
Delhi News: सीबीआई ने अमेरिकी नागरिकों से ठगी में शामिल एक कॉल सेंटर के खिलाफ जारी जांच के सिलसिले में दिल्ली-एनसीआर में चल रहे चार फर्जी कॉल सेंटर पर छापा मारा.
CBI Probe Against Fake Call Center: सीबीआई ने फर्जी कॉल सेंटर्स पर बड़ी कार्रवाई की. सीबीआई ने दिल्ली-एनसीआर में चल रहे 4 फर्जी कॉल सेंटर्स का भंडाफोड़ किया. अधिकारियों ने गुरुवार (16 फरवरी) को यह जानकारी दी. अमेरिकी नागरिकों को धोखा देने में कथित रूप से शामिल एक कॉल सेंटर के खिलाफ चल रही जांच के सिलसिले में यह कार्रवाई की गई.
चार स्थानों पर तलाशी के दौरान सीबीआई ने 3 करोड़ से अधिक रुपये के अलावा भारी मात्रा में विदेशी करेंसी बरामद की. इस दौरान कॉल सेंटर के उपकरण भी जब्त कर लिए गए. अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने इसके अलावा 15 मोबाइल फोन और सात लैपटॉप भी जब्त किए हैं.
मोबाइल और लैपटॉप को जब्त किए
सीबीआई ने जिन मोबाइल फोन और लैपटॉप को जब्त किया है, उनमें रिमोट एक्सेस एप्लिकेशन, नकली अंतरराष्ट्रीय कॉलिंग नंबर, अमेरिकी नागरिकों से संबंधित दस्तावेजों, क्रिप्टो निवेश, धोखाधड़ी के विवरण वाली चैट और अमेरिकी नागरिकों से बात करने के लिए स्क्रिप्ट शामिल हैं. अधिकारी ने बताया कि छापेमारी के दौरान एक टेक सपोर्ट फर्जी कॉल सेंटर पाया गया और वहां आरोपी/अन्य व्यक्ति अमेरिकी नागरिकों के साथ ऑनलाइन धोखाधड़ी में कथित रूप से शामिल थे.
सभी आरोपियों की पहचान हुई
आरोपियों की पहचान हरीश कुमार, अमित कुमार, राकेश कुमार अथोत्रा, राज कुमारी के तौर पर हुई है. उन्होंने बताया कि यह मामला पिछले साल 10 जून का है. सीबीआई की चारो आरोपियों के खिलाफ फ्रॉड करने के मामले में मुकदमा दर्ज किया था. प्राथमिकी में इन पर तकनीकी सहायता की आड़ में कंप्यूटरों को नियंत्रित कर अमेरिकी नागरिकों से ठगी का आरोप लगाया गया था. आरोप है कि सभी आरोपी टेक्स्टनो एप्लिकेशन के माध्यम से कॉल कर अमेरिका में उन्हें निशाना बनाते थे.
बेहद शातिर ढंग से लगाते थे चूना
अधिकारियों ने बताया कि आरोपी कथित रूप से अपने स्रोत से लीड प्राप्त कर रहे थे और इन लीड्स पर वे टेक्स्टनाउ (Textnow) एप्लिकेशन के माध्यम से अमेरिका में लोगों को कॉल करते थे. आरोपी लोगों की टेक संबंधी समस्याओं को हल करने के बहाने एनी डेस्क (Any Desk) जैसे रिमोट एक्सेस सॉफ्टवेयर का उपयोग करके उनके कम्प्यूटर का कंट्रोल ले लेते थे. इसके बाद वे उनके अकाउंट को खाली कर देते थे.