CBI Raids Oxfam India: सीबीआई ने विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम (FCRA) के कथित उल्लंघन के लिए ऑक्सफैम इंडिया के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है. अधिकारियों ने बुधवार (19 अप्रैल) को ये जानकारी दी. अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई (CBI) ने दिल्ली में ऑक्सफैम इंडिया के कार्यालय में छापेमारी की है. सीबीआई ने कहा कि उसने गृह मंत्रालय की एक शिकायत पर कार्रवाई की, जिसने पिछले साल जनवरी में ऑक्सफैम इंडिया के एफसीआरए लाइसेंस को निलंबित कर दिया था.
शिकायत, जो अब प्राथमिकी का हिस्सा है, में आरोप लगाया गया है कि हालांकि ऑक्सफैम इंडिया का एफसीआरए पंजीकरण समाप्त हो गया, इसके बावजूद उसने अन्य माध्यमों से धन के लेनदेन के लिये कानून का उल्लंघन किया. शिकायत के अनुसार, ऑक्सफैम इंडिया को 2013 और 2016 के बीच नामित बैंक खाते के बजाय सीधे अपने विदेशी योगदान उपयोग खाते में लगभग 1.5 करोड़ रुपये प्राप्त किए.
क्या करती है ऑक्सफैम?
ऑक्सफैम इंडिया ऑक्सफैम के वैश्विक परिसंघ का एक हिस्सा है, जो गरीबी, असमानता, लैंगिक न्याय और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों पर काम करता है. इस गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) ने किसी भी गलत काम से इनकार किया है और कहा है कि वह अधिकारियों के साथ सहयोग कर रहा है.
शिकायत में लगाया ये आरोप
शिकायत में ये भी कहा गया कि ऑक्सफैम इंडिया अन्य संघों या लाभकारी सलाहकार फर्मों को धन हस्तांतरित करके एफसीआरए को बायपास करने की योजना बना रहा था. सीबीआई ने कहा कि उसने पिछले साल एक तलाशी अभियान के दौरान ऑक्सफैम इंडिया के कार्यालय से कई ईमेल जब्त किए थे. शिकायत में ये भी आरोप लगाया गया है कि ऑक्सफैम इंडिया ने वित्तीय वर्ष 2019-20 में सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च (सीपीआर) को विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम (एफसीआरए), 2010 के नियमों का उल्लंघन करते हुए 12.71 लाख रुपये दिए.
इसमें कहा गया है कि संगठन ने सामाजिक गतिविधियों को करने के लिए एफसीआरए पंजीकरण प्राप्त किया था, लेकिन कमीशन के रूप में अपने सहयोगियों या कर्मचारियों के माध्यम से सीपीआर को किया गया भुगतान- पेशेवर या तकनीकी सेवाएं- इसके घोषित उद्देश्यों के अनुरूप नहीं है. इसमें आरोप लगाया गया कि यह एफसीआरए 2010 की धारा आठ और 12(4) का उल्लंघन है.
ऑक्सफैम ने जारी किया था बयान
इस महीने की शुरुआत में एक बयान में ऑक्सफैम इंडिया ने कहा था कि ऑक्सफैम इंडिया दिसंबर 2021 में अपने एफसीआरए पंजीकरण का नवीनीकरण नहीं होने के बाद से सभी सरकारी एजेंसियों के साथ सहयोग कर रहा है. हमने अपने एफसीआरए पंजीकरण को नवीनीकृत नहीं करने के फैसले के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की है. कोर्ट ने केंद्र सरकार से हमारी याचिका पर जवाब देने को कहा है.
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