नयी दिल्ली. सीबीआई ने एक गिरोह का पर्दाफाश कर ऐसी छह निजी कंपनियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है जो कथित तौर पर एंटी वायरस के नाम पर लोगों के कंप्यूटर में हानिकारक सॉफ्टवेयर (मैलवेयर) डाल देती थीं.
पॉप अप संदेश भेजते थे
यह कंपनियां लोगों के कंप्यूटर में ‘पॉप-अप’ संदेश के रूप में सुरक्षा संबंधी फर्जी चेतावनी भेजती थीं जिसके बाद उपभोक्ता इनके झांसे में आकर अपने कंप्यूटर में एंटी वायरस सॉफ्टवेयर डाल लेता था जो वास्तव में कंप्यूटर के लिए हानिकारक होते थे.
सीबीआई ने इस मामले के संबंध में नयी दिल्ली स्थित सॉफ्टविल इंफोटेक लिमिटेड और सबुरी टीएलसी वर्ल्डवाइड सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड कंपनियों के परिसर पर छापेमारी की.
इसके अलावा एजेंसी ने जयपुर स्थित इनोवाना थिंकलैब्स लिमिटेड और सिस्टवीक सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड और नोएडा स्थित बेनोवेलिएन्ट टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड, नोएडा और गुरुग्राम में स्थित सबुरी ग्लोबल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के परिसरों पर भी छापा मारा.
10 ठिकानों पर छापेमारी
एजेंसी ने जयपुर, दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम, फरीदाबाद और मैनपुरी में कंपनियों के 10 ठिकानों पर तलाशी ली. अधिकारियों ने बताया कि कंपनियां लोगों के माइक्रोसॉफ्ट विंडोज आधारित कंप्यूटरों में सुरक्षा संबंधी फर्जी चेतावनी भेजती थीं.
इन पॉप अप संदेशों में एक कॉल सेंटर का नंबर होता था जहां आरोपी कंपनियों के कर्मचारी कथित तौर पर उपभोक्ताओं को एक एंटी वायरस सॉफ्टवेयर डालने को कहते थे. उन्होंने कहा कि यह एंटी वायरस सॉफ्टवेयर दरअसल कंप्यूटर के लिए अवांछित हानिकारक सॉफ्टवेयर (पीयूपी) होते थे.
सीबीआई प्रवक्ता आर के गौर ने कहा, “पीड़ित लोगों को पीयूपी सक्रिय करने के लिए भुगतान करने या सहायता के लिए एक नंबर पर कॉल करने को कहा जाता था. अपने कंप्यूटर को सुचारु रूप से चलाने के चक्कर में पीड़ित इनके जाल में फंस जाते थे.”
प्रसिद्ध यूट्यूबर कार्ल रॉक ने इस समस्या पर कई वीडियो बनाये
अधिकारियों ने कहा कि कॉल सेंटर के रूप में कंप्यूटर ठीक करने के बहाने पीड़ितों को ऑनलाइन माध्यम से भुगतान करने को कहा जाता था. धोखाधड़ी के शिकार लोगों में से एक, न्यूज़ीलैंड के एक प्रसिद्ध यूट्यूबर कार्ल रॉक ने इस समस्या पर कई वीडियों बनाये है और इसके संचालकों को उजागर किया है.
पिछले तीन वर्षों से भारत में रहने वाले रॉक ने फोन पर एजेंसी को बताया, ''मैं बहुत खुश हूं कि सीबीआई कुछ कर रही है. वे बड़े जांचकर्ता हैं. वे राष्ट्रीय स्तर पर चीजें कर सकते हैं.’’
उन्होंने कहा कि इस तरह की कॉल भारत से निकलती है और सही कॉल सेंटर उद्योग का नाम खराब करती है. उन्होंने कहा, ‘‘2010 से इन घोटालों के बारे में सुन रहा हूं.’’
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