CBI ने 2148 करोड़ की बैंक धोखाधड़ी मामले में दर्ज किए 2 केस, सात से ज्यादा जगह छापेमारी
CBI Raid: सीबीआई ने इस मामले में मुकदमा दर्ज करने के बाद अहमदाबाद और पुणे सहित सात स्थानों पर आरोपियों के ठिकानों पर छापेमारी की. इस छापेमारी के दौरान 38 लाख रुपए की नकदी और दस्तावेज आदि बरामद किए.
Bank Fraud Case: केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने 2148 करोड़ रुपए की बैंक धोखाधड़ी मामले में दो मुकदमे दर्ज किए हैं. इनमें पहला मुकदमा महाराष्ट्र (Maharashtra) से संबंधित है जहां 1438 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी हुई और दूसरा मामला अहमदाबाद (Ahmedabad) से संबंधित है जहां 710 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी हुई. सीबीआई ने दोनों मामलों में 7 से ज्यादा जगहों पर छापेमारी की जहां से उन्हें लाखों रुपए की नगदी और आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए हैं.
सीबीआई प्रवक्ता आरसी जोशी के मुताबिक महाराष्ट्र में हुए 14 38 करोड रुपए की धोखाधड़ी के मामले में जिन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है उनमें उशदेव इंटरनेशनल लिमिटेड (Ushadev International Limited) मुंबई उसके निदेशक गारंटर श्रीमती सुमन गुप्ता और प्रतीक विजय गुप्ता के अलावा अज्ञात व्यक्ति शामिल है. दूसरे मामले में अहमदाबाद की कंपनी अनिल लिमिटेड उसके निदेशक अमोल सिरपाल सेठ कमल भाई सेठ अनीश कस्तूर भाई शाह मिस इंदिरा पालकीवाला अनुराग के. आदि लोग शामिल है.
काम नहीं कर रही कंपनियों को दिया लोन
सीबीआई के मुताबिक महाराष्ट्र वाले मामले में बैंक की शिकायत के आधार पर मुकदमा दर्ज किया गया है. इस मामले में आरोप लगाया गया है कि यह निजी कंपनी लोहे और उससे जुड़े धातु के व्यापार में लगी हुई थी. उसके प्रमोटर निवेशकों ने अज्ञात संस्थाओं के साथ भारतीय स्टेट बैंक और उसके कंसोर्टियम सदस्य बैंकों जिनमें सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज बैंक आदि शामिल थे उनसे लोन लिया. आरोप है कि इन बैंकों से जो लोन लिया गया उन्हें ऐसी कंपनियों को दिया गया जिन्होंने पिछले 5 से 9 सालों के दौरान कोई बिजनेस ही नहीं किया था.
इसके लिए खातों की किताबों में हेराफेरी की गई साथ ही अनेक फर्जी दस्तावेज बनाए गए. आरोप है कि लोन की रकम को कथित तौर पर डायवर्ट साइफन करके विदेश भी भेजा गया. इस मामले में आरोप है कि कंपनी और उसके निदेशकों ने बैंकों द्वारा दिए जाने वाले फंड की बाबत मंजूरी और नियमों की शर्तों का उल्लंघन किया जिसके चलते इन बैंकों को 1438 करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हुआ. सीबीआई ने इस मामले में मुकदमा दर्ज करने के बाद आरोपियों के तीन ठिकानों पर छापेमारी की जहां से अनेक आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए हैं.
जानबूझकर सरकारी नियमों का किया उल्लंघन
सीबीआई के मुताबिक अहमदाबाद से जुड़े मामले में इस निजी कंपनी ने बैंक ऑफ इंडिया के साथ जुड़े कंसोर्सियम वाले बैंकों जिनमें आईडीबीआई, एसबीआई, पीएनबी और शामराव विट्ठल सहकारी बैंक लिमिटेड के साथ-साथ आईएफसीआई लिमिटेड बैंक भी शामिल था उनके साथ 710 करोड़ रुपए से ज्यादा की धोखाधड़ी की. आरोप के मुताबिक यह कंपनी अनमोडिफाइड स्टार्च बेसिक मक्का स्टार्ट से संशोधित स्टार्च और लिक्विड ग्लूकोस डेक्सट्रोज मोनोहाइड्रेट एंड हाइड्रो डेक्सट्रोज सॉर्बिटोल आदि जैसे डाउन स्कीम उत्पादों के उत्पादन की व्यवसायिक गतिविधि में लगी हुई थी.
आरोप के मुताबिक इस कंपनी ने बैंकों से अपनी क्रेडिट सुविधाओं को बढ़ाने के लिए जानबूझकर सरकारी नियमों का उल्लंघन किया साथ ही इस कंपनी ने बैंकों की बिना अनुमति के ही दूसरी कंपनियों को धन उधार दे दिया. यह भी आरोप है कि आरोपी ने क्लोजिंग स्टॉक के साथ साथ अचल संपत्तियों के मूल्य का गलत इस्तेमाल किया जिससे उनकी कीमतें ज्यादा दिखें और उन्हें बढ़-चढ़कर लोन मिल सके. साथ ही इस मामले में तमाम नियम कानूनों को भी ताक पर रख दिया गया जिसके चलते इन बैंकों को 710 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ.
CBI ने इस मामले में मुकदमा दर्ज करने के बाद अहमदाबाद और पुणे सहित सात स्थानों पर आरोपियों के ठिकानों पर छापेमारी की. इस छापेमारी के दौरान 38 लाख रुपए की नकदी और अनेक आपत्तिजनक दस्तावेज कुछ संपत्ति दस्तावेज आदि बरामद हुए जिन के आकलन का काम जारी है मामले की जांच की जा रही है.
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